डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा बोले- 2022 में भी जीतेगी BJP, हम सभी के नेता हैं योगी आदित्यनाथ
लखनऊ. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा (Dinesh Sharma) ने कहा है कि योगी आदित्यनाथ हमारे नेता हैं. उन्होंने कहा कि चाहे मैं हूं या केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) हों, हम योगी आदित्यनाथ (मुख्यमंत्री) की अगुआई में शानदार काम कर रहे हैं. किसी को इस बात पर कोई संदेह नहीं है कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी नहीं जीतेगी. सभी को पक्का विश्वास है कि हम साल 2022 में ज्यादा बड़े मार्जिन से जीत दर्ज करेंगे. शर्मा ने दावा किया कि समाजवादी पार्टी ने राज्य में टीकाकरण की प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश की. उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव ने टीकाकरण को लेकर गलत जानकारियां प्रसारित कीं और जब जनता को मदद की जरूरत थी, तब वह और उनकी पार्टी के लोग घरों में बैठे रहे.जो गलत सूचना फैलाना चाहते हैं वे कुछ भी कर सकते हैं लेकिन उन्हें पहले भाजपा के बारे में पढ़ना चाहिए. भाजपा में ना
तो मतभेद है और ना ही मनभेद. हमारे यहां परंपरा है कि हर कोई अपनी बात रख सकता है लेकिन फिर जब हमारे शीर्ष नेतृत्व के स्तर पर फैसला आता है तो सभी इसे संयुक्त रूप से स्वीकार करते हैं और मिलकर काम करते हैं. योगी आदित्यनाथ हमारे नेता हैं. मैं हो या केशव प्रसाद मौर्य, हम उनके नेतृत्व में बेहतरीन तरीके से काम कर रहे हैं.
यह सवाल कहां से आया है? यह कोई मुद्दा ही नहीं है. योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व की पूरे देश में चर्चा हो रही है. योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह से प्रदर्शन किया है उस पर हमारे राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ,राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने बयान जारी किया है. इतना सब होने के बाद भी अगर यह सवाल उठ रहे हैं तो यह गलत है.
आने वाले चुनाव को लेकर आपका क्या अनुमान है?
मुझे लगता है कि किसी को इस बात पर कोई संदेह नहीं है कि साल 2022 में बीजेपी साल 2017 की तुलना में अधिक सीटों के साथ यूपी में फिर से सत्ता में आ रही है. लोग भी यही चाहते हैं.
समाजवादी पार्टी, बसपा और कांग्रेस में से भाजपा का किससे मुकाबला है?
सभी विपक्षी सोच और मकसद से एक हैं. वह नरेंद्र मोदी (प्रधानमंत्री) और योगी आदित्यनाथ को हटाना चाहते हैं. अगर हटाओ तो किसको लाओ? इसका उनके पास कोई जवाब नहीं है. ये सभी दल पहले किसी न किसी रूप में एक साथ आए हैं और हमारे खिलाफ चुनाव लड़े हैं और हर बार बुरी तरह हारे हैं. वह कभी सार्वजनिक तौर पर साथ आते हैं और कभी लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए छिपा हुआ गठबंधन करते हैं.
महामारी के दौरान विपक्ष के नेता घर में बैठकर ट्वीट कर रहे थे. वह अपने गांव या अपने विधानसभा क्षेत्रों में भी नहीं गए लेकिन बीजेपी कार्यकर्ता लोगों की मदद के लिए सामने आए. हमारे कई कैडर और पदाधिकारी संक्रमित हुए, कई की जान चली गई, हमने विधायक और तीन मंत्री खो दिए. लेकिन हम घर पर नहीं बैठे. सीएम योगी आदित्यनाथ संक्रमित हो गए और ठीक होने पर पूरे यूपी के हर जिले में गए और जिलों में जांच पड़ताल की. एक-दो जिलों में प्रभारी के रूप में मंत्री ड्यूटी पर रहे. हममें और उनमें यही अंतर है. यह उनकी कमी है कि वह लोगों की मदद के लिए क्यों नहीं निकले? क्या वे सामुदायिक रसोई नहीं चला सकते थे या भाजपा की तरह मास्क, सैनिटाइजर और मेडिकल किट वितरित नहीं कर सकते थे?
शुरुआती दिनों में यूपी में वैक्सीनेशन धीमा था लेकिन अब धीरे-धीरे रफ्तार बढ़ रही है..
शुरु में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कहा था कि यह टीका भाजपा का है और इसकी खुराक ना लें और जब उनकी सरकार आएगी तो टीका लगवाएंगे. सपा नेताओं ने भी बयान जारी कर कहा कि टीकों से बीमारी और बांझपन होगा. वैक्सीनेशन पर गलत सूचना फैलाई गई. जब उन्होंने देखा कि वैक्सीन की हर तरफ तारीफ हो रही है, तो उन्होंने इसकी उपलब्धता पर सवाल उठाया. जब वहां भी एजेंडा फेल हो गया तो उन्होंने कहा कि टीका मुफ्त होना चाहिए. जब वैक्सीन सभी के लिए फ्री हो गई तो उन्होंने कहा कि यह मोदी और योगी की राजनीति है. समाजवादी पार्टी ने टीकाकरण को नुकसान पहुंचाने की हरसंभव कोशिश की. कांग्रेस ने भी इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाया. उन्हें इससे बचना चाहिए था लेकिन उन्होंने ऐसा किया. वह लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करने और रजिस्ट्रेशन कराने में मदद कर सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. उन्होंने केवल आलोचना की.
आगामी विधानसभा चुनाव में आपका एजेंडा क्या होगा?
यूपी में रिकॉर्ड निवेश आया है और निजी क्षेत्र में बड़ी संख्या में नौकरियां दी गई हैं. एक्सप्रेस वे बन रहे हैं, किसानों का कर्ज माफ किया गया और हमने रिकॉर्ड गन्ना बकाया चुकाया है और राज्य में सभी चीनी मिलों को चलाया है. वाराणसी और अयोध्या जैसे शहरों की हालत बदली है. पिछले साढ़े चार साल में जनता पर कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया. कोविड के मोर्चे पर हमारे पास अब सभी जिलों में वेंटिलेटर और ऑक्सीजन बेड हैं. 480 से अधिक ऑक्सीजन प्लांट इंस्टाल किए जा रहे हैं और कई पहले से ही चल रहे हैं. अगर आप यूपी में हमारी सरकार के साढ़े चार साल देखें, तो हमने सिर्फ एक राजनीतिक दल के रूप में नहीं बल्कि लोगों के प्रति समर्पण के साथ काम किया है.