यूपी में 1153583 दिव्यांगों को प्रमाण पत्र जारी: डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की पहल पर प्रत्येक सोमवार को जिला अस्पतालों में लगाए जा रहे कैंप
लखनऊ:डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की पहल से दिव्यांगों के चेहरे खिल उठे हैं। उनकी दुश्वारियों में कमी आई है। दिव्यांगों को प्रमाण-पत्र के लिए भागदौड़ करनी पड़ती थी। दिव्यांगता प्रमाण-पत्र के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती थी। उससे दिव्यांगों को निजात मिल गई है।
डिप्टी सीएम ने दिव्यांगों को अनावश्यक रूप से भागदौड़ से बचाने के लिए प्रदेश के सभी 75 जनपदों के जिला चिकित्सालयों में कैंप लगाने के निर्देश दिए थे। प्रत्येक सोमवार को कैम्प लगाने के आदेश हैं। इसमें दिव्यांगजनों को दिव्यांगता प्रमाण-पत्र जारी करने के आदेश हैं। 11 सितम्बर तक प्रदेश के समस्त जनपदों में 1570424 लोगों ने दिव्यांगता प्रमाण-पत्र के लिए पंजीकरण कराया। जांच पड़ताल के बाद 1153583 आवेदन सही पाए गए। इन दिव्यांगजनों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र निर्गत किये गये। किसी भी दिव्यांगजन को कोई कठिनाई न हो इसके लिए समुचित व्यवस्था करने के आदेश दिए गए हैं। इसकी जिम्मेदारी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षकों की है। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही पर चिकित्सा अधीक्षक जिम्मेदार होंगे।
गैरहाजिर महिला डॉक्टर बर्खास्त
जालौन के उराई जिला महिला चिकित्सालय में तैनात पैथोलॉजिस्ट डॉ. नीता वर्मा बिना सूचना लगातार गैरहाजिर चल रही थीं। विभाग के जरिए डॉ. नीता को कई पत्र भेजे गए। फोन से संपर्क करने का भी प्रयास किया गया। पर, कोई सूचना नहीं मिली। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इसे गंभीर अनुशासनहीनता करार दिया। डॉ. नीता को बिना बताए गैरहाजिर रहने व उत्तरदायित्व के निर्वहन में लापरवाही बरतने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया है।
डॉक्टर से लेकर कर्मचारी गायब, वेतन रोका
अम्बेडकर नगर के कटेहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 10 अक्टूबर की शाम को सर्पदंश से पीड़ित मरीज को इलाज नहीं मिला। सीएचसी में सभी डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी गैरहाजिर थे। डिप्टी सीएम ने घटना का संज्ञान लिया। अम्बेडकर नगर सीएमओ को मामले की जांच के आदेश दिए। जांच में पाया गया है कि घटना के वक्त डॉ. अंकुश वर्मा, फार्मासिस्ट हरिशचन्द्र गुप्ता एवं स्वीपर कम चौकीदार रामाशीष उपस्थित नहीं थे।
प्रकरण की जांच के बाद वेतन रोक दिया गया है। साथ ही चेतावनी भी दी गई है।