झाँसी में डेंगू की दस्तक, dm ने सम्भाली कमान
कोरोना की तीसरी लहर के आने की अटकलें अभी चल ही रही थी, कि डेंगू ने प्रदेश के कई जिलों में हाहाकार मचा दिया। झांसी में भी डेंगू ने दस्तक दे दी है। फिलहाल जिले में 12 मरीज डेंगू के और 4 मरीज मलेरिया के अस्पतालों में भर्ती हैं। स्थिति के नियंत्रण में होने का दावा किया जा रहा है। स्वयं जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने कमान अपने हाथ में ले ली है और हर बारीकी पर एवं स्वास्थ्य व उपचार सेवाओं पर नजर रखे हुए हैं। अचानक डेंगू और मलेरिया के मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमे की चिंता बढ़ गई है। शहर के जलभराव वाले इलाकों में खास तौर पर स्वास्थ्य महकमे और नगर निगम ने जागरूकता अभियान की शुरुआत कर दी है। वहीं अस्पतालों में बड़ी संख्या में बुखार की चपेट में आये मरीजों की भीड़ उमड़ रही है।
झांसी जिले के नगरीय क्षेत्रों में फिलहाल नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत में सभी केवल एक ही लक्ष्य पर निशाना साधे हुए हैं कि कहीं भी जलभराव की स्थिति पैदा न हो सके। जहां ऐसी स्थिति बनती भी है, वहां कीटनाशकों का प्रयोग भी किया जा रहा है। जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने बताया कि जिले की समस्त 12 नगर निकायों के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वे जलभराव न होने दें। किसी भी स्थिति में लार्वा को न पनपने दिया जाय। लोगों को इसके लिए विशेष रूप से जागरूक भी किया जा रहा है, कि वे लारवा को पनपने जैसे स्थानों पर जलभराव न होने दें, ताकि डेंगू और मलेरिया से वे सुरक्षित रह सकें।
स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह अलर्ट पर है। जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज को अलर्ट करने के साथ ही स्पेशल वार्ड बनाकर बेड भी रिजर्व किये गए हैं। जिला मलेरिया विभाग के आंकड़ो की माने तो झाँसी जनपद में जनवरी से अब तक 18,662 लोगों की स्लाइड्स बनाई गई है, जिसमें से अब तक 12 में डेंगू और 4 में मलेरिया के मरीजों की पुष्टि हुई है।
झाँसी के डीएम आन्द्रा वामसी ने बताया कि जनपद में डेंगू और मलेरिया के बढ़ने मामलों को देखते हुए एंटी लार्वा के छिड़काव और फॉगिंग की व्यवस्था की गई है। जलभराव वाली जगहों से पानी निकासी की व्यवस्था की जा रही है। जलभराव की स्थिति की सूचना कंट्रोल रूम में दी जा सकती है। जिन स्थानों से अधिक मामले सामने आए हैं, उनकी खास तौर से टीमें तैनात कर निगरानी की जा रही है। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल सहित सभी सीएचसी में ऐसे मरीजों के लिए बेड रिजर्व किये गए हैं। जो भी मरीज मिले है, फिलहाल सभी खतरे से बाहर है।