कोरोना के बीच ज्यादा खतरनाक हुआ डेंगू, मरीज को दे सकता है शॉक सिंड्रोम
नई दिल्ली. कोरोना (Corona) के मामले भले ही राहत दे रहे हों लेकिन डेंगू (Dengue) का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. इस बार ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें मरीज डेंगू के डेन टू स्ट्रेन (DEN 2 Strain) से संक्रमित पाया गया है. बता दें कि डेंगू का ये स्ट्रेन सबसे ज्यादा खतरनाक होता है. इस स्ट्रेन से संक्रमित मरीज को डेंगू हेमरेजिक फीवर (Dengue Hemorrhagic Fever) या फिर डेंगू शॉक सिंड्रोम (Dengue Shock Syndrome) भी हो सकता है. इस स्ट्रेन के मरीजों की हालत बेहद नाजुक होती है. विशेषज्ञों के मुताबिक डेन टू स्ट्रेन काफी खतरनाक होता है, जिसमें बुखार, उल्टी, जोड़ों के दर्द, अल्टर्ड सेंसेरियम जैसी समस्याएं होती हैं.
विशेषज्ञों के मुताबिक डेन टू स्ट्रेन से संक्रमित मरीज में डेंगू हेमरेजिक फीवर और डेंगू शॉक सिंड्रोम हो सकता है. इसके लक्षण को पहचानना काफी आसान है. इस तरह से स्ट्रेन के मरीज में त्वचा पर लाल चकत्ते और दाने तेजी से उभरने लगते हैं और मरीज की नब्ज काफी धीमी हो जाती है. संक्रमण के चलते नर्वस सिस्टम खराब हो जाता है और मरीज सदमें की हालत में पहुंच जाता है. इस बार कोरोना संक्रमण के बीच डेंगू के जो मरीज सामने आए हैं, उनमें डेन टू स्ट्रेन के मरीज भी मिल रहे हैं. मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज की प्रफेसर डॉ. सुनीला गर्ग कहती हैं कि डेंगू के डेन 1, डेन 2, डेन 3 और डेन 4, चार स्टेज होते हैं. इन सभी स्ट्रेन में सबसे ज्यादा खतरनाक डेन 2 को ही माना जाता है क्योंकि इसमें हेमरेजिक फीवर हो जाता है, प्लेटलेट्स बेहद तेजी से गिरती हैं.
इस स्ट्रेन से संक्रमित मरीज को डिहाइड्रेशन होने लगता है और उसके कई हिस्सों से ब्लीडिंग भी होने लगती है. अगर समय पर मरीज का इलाज नहीं किया जाए तो उसकी मौत हो सकती है. यह शॉक सिंड्रोम की भी एक वजह है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर किसी को डेंगू हो चुका है और वह आराम से रिकवर कर लिया है तो उसे दूसरी बार डेंगू का खतरा पहले से कहीं ज्यादा होता है. विशेषज्ञों के मुताबिक क्योंकि डेंगू के चार स्ट्रेन होते हैं इसलिए इनका खतरा भी अलग-अलग होता है. किसी भी इंसान को चार बार डेंगू हो सकता है. जिस स्ट्रेन से वह संक्रमित होगा, उस स्ट्रेन का डेंगू उसे दोबारा नहीं होगा क्योंकि शरीर में उस स्ट्रेन की एंटीबॉडीज बन जाएंगी जो लंबे समय तक चलेगी.
राजधानी दिल्ली में डेंगू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अस्पतालों में कोविड बेड को डेंगू मरीजों के लिए रखा गया है. ज्यादातर अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए रिजर्व 30 प्रतिशत बेड को कम करके 10 प्रतिशत कर दिया गया है लेकिन अब इसे डेंगू के मरीजों के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है.
डेंगू से ठीक होने पर क्या करें
– बैलेंस डाइट के साथ नींबू पानी और ओआरएस घोल कुछ दिन तक लेते रहें
– अनार, संतरा और गन्ने का रस पीना खून की मात्रा बढ़ाने के लिए जरूरी है.
– अंडा, चिकन और मछली खाना फायदेमंद है.
क्या ना करें
– मच्छरदानी लगाए बिना न सोएं, इससे संक्रमण रोकने में मदद मिलेगी.
– ऐसा ना सोचें कि दोबारा डेंगू नहीं हो सकता है, ये केवल भ्रम है.
– हैवी एक्सरसाइज या हैवी काम न करें. जंक फूड बिल्कुल ना खाएं.