किसान आंदोलन: प्रदर्शन स्थल किले में तब्दील, सड़कों पर लोहे की कीलें, विपक्ष ने उठाए सवाल
किसानों के प्रदर्शन स्थलों और उसके आसपास कई स्तर की अवरोधक, सड़कों पर लोहे की कीलें, कंटीले तार, सीमेंट के अवरोधकों के बीच लोहे की छड़ें लगाने, डीटीसी बसों एवं अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों की तैनाती जैसी भारी सुरक्षा व्यवस्था की गयी है। यहां गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान प्रदर्शनकारियों एवं पुलिस के बीच हिंसक झड़प के कुछ दिन बाद प्रदर्शन स्थलों पर सुरक्षा के उपाय कड़े किये गये हैं। इस हिंसा में 394 सुरक्षाकर्मी घायल हुए थे। यहां तक इस आंदोलन को कवर कर रहे मीडियाकर्मियों को प्रदर्शनस्थलों पर पहुंचने में मुश्किल आ रही है क्योंकि उन्हें पहले चेकिंग और फिर कई स्तर की अवरोध व्यवस्था से गुजरना पड़ता है। इस कील बंदी को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।
गाजीपुर बार्डर पर बीकेयू की उत्तरप्रदेश इकाई के अध्यक्ष पवन खटाना ने कहा, ‘‘आंदोलन तो होता ही है मुश्किल में, आराम से कौन सा आंदोलन होता है।’’ गाजीपुर बार्डर अब उच्च सुरक्षा जैसे किले में तब्दील कर दिया गया है। खटाना ने कहा कि अबतक उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तराखंड से समर्थक गाजीपुर आये हैं जबकि महाराष्ट्र, कर्नाटक और बिहार जैसे राज्यों से भी कुछ लोग पहुंचे हैं। बीकेयू के मेरठ क्षेत्र के प्रमुख ने कहा, ‘‘ लेकिन सरकार की इस सुरक्षा इंतजाम का क्या मतलब है। कई स्तर की अवरोध व्यवस्था, हमारे सभी ओर सड़कों पर लोहे की कीलें, कंटीलें तार। इंसान को भूल जाइए, कोई जानवर को भी इस तरह नहीं रखता। ’’
सिंघू बार्डर पर अर्धसैनिक बलों के साथ दिल्ली पुलिस के जवान बड़ी संख्या में तैनात किये गये हैं तथा कई स्तर के अवरोध लगाये गये हैं। पंजाब के अमृतसर के किसान पलविंदर सिंह ने कहा, ‘‘ सरकार ने इंटरनेट पर रोक लगा दी और कंक्रीट डिवाइडर से सड़के बंद कर दीं ताकि जनता को प्रदर्शन के बारे में सूचना नहीं मिले और कोई यहां नहीं आये। भोजन और जलापूर्ति पहले की तरह अच्छी है। स्वच्छता भी सामान्य है। ’’ सिंघू बार्डर पर सोमवार को पुलिसर्किमयों के निरीक्षण में श्रमिक सीमेंट के अवरोधकों की दो कतारों के बीच लोहे की छड़ें लगाते हुए देखे गये थे ताकि नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों की आवाजाही सीमित की जा सके।
इस दिल्ली- हरियाणा बार्डर का एक अन्य हिस्सा अब एक प्रकार से बंद कर दिया गया क्योंकि सीमेंट की अस्थायी दीवार खड़ी कर दी गयी है। दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्विटर पर सीमाओं के बंद रहने और आने-जाने के लिए वैकल्पिक मार्गों के इस्तेमाल का सुझाव दिया है। दिल्ली-गाजीपुर सीमा पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गयी है, जहां किसान दो महीने से ज्यादा समय से कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने ट्वीट किया, ‘‘गाजीपुर बॉर्डर बंद है। एनएच-24, एनएच 9, रोड नंबर 56, 57ए, कोंडली, पेपर मार्केट, टेल्को टी प्वाइंट, इडीएम मॉल, अक्षरधाम और निजामुद्दीन खत्ता से यातायात का मार्ग बदल दिया गया है। विकास मार्ग, आईपी एक्सटेंशन, एनएच-24 पर ज्यादा आवागमन है। मुसाफिरों को सलाह दी जाती है कि दूसरे बॉर्डर से आवाजाही करें।’’