बढ़ती महंगाई के विरोध में आज से वामदलों का प्रदर्शन, इतने जून तक रहेगा जारी
नई दिल्ली. देश में बढ़ते ईंधन के दामों (Fuel Prices) और अन्य सामान की कीमतों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए वामदल (Left Parties) आज यानी 16 जून से करीब 15 दिनों का विरोध-प्रदर्शन शुरू करने जा रहे हैं. उनका कहना है कि दवाओं, ईंधन और अन्य सामान के दाम बेतहाशा बढ़ रहे हैं. वामदलों का यह प्रदर्शन 30 जून तक चलेगा. वामदलों की मांग है कि केंद्र सरकार डीजल-पेट्रोल और अन्य जरूरी सामान के बढ़े दाम वापस ले.
इस 15 दिन के विरोध प्रदर्शन में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया फॉर्वर्ड ब्लॉक, रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवाद-लेनिनिस्ट)-लिबरेशन शामिल हैं. सभी दलों ने रविवार को इस संबंध में संयुक्त बयान जारी किया था.
संयुक्त बयान पर माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी राजा, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के महासचिव देबब्रत बिस्वास, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के महासचिव मनोज भट्टाचार्य, भाकपा (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य के हस्ताक्षर हैं. बयान में आरोप लगाया गया है कि सरकार कोविड-19 से उपजे स्वास्थ्य संकट से निपटने में लोगों की मदद करने के बजाय दो मई को विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद से कम से कम 21 बार पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत बढ़ा चुकी है.
पार्टियों ने कहा कि इसकी वजह से थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) 11 साल के उच्च स्तर पर पहुंचने के साथ मुद्रास्फीति बहुत अधिक बढ़ने की संभावना है. बयान में कहा गया है, ‘खाद्य पदार्थों की कीमतें अप्रैल में करीब पांच फीसदी बढ़ी हैं. आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में 10.16 फीसदी का इजाफा हुआ है और विनिर्मित उत्पादों में 9.01 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और जब ये वस्तुएं खुदरा बाजार में पहुंचती हैं तो उपभोक्ताओं को इसके लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ती है.’
पार्टियों ने इसके तहत हर व्यक्ति को दाल, खाद्य तेल, चीनी, मसाले, चाय और अन्य जरूरी सामग्री के पैकेट के साथ 10 किलोग्राम खाद्य सामग्री मुफ्त में देने की मांग की.