बीआरडी मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों का तीसरे दिन भी प्रदर्शन जारी, जानें मांगे
गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कार्यरत रहे स्टाफ नर्स, वार्ड बॉय, सफाई कर्मचारी, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन सहित चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों से कोविड-19 के दौरान सेवा लिया गया। लेकिन कर्मचारियों को आज तक ना तो नियुक्ति पत्र दिया गया और ना ही पिछले 5 महीने से वेतन, साथ ही साथ इस बेरोजगारी के दौर में उनसे उनकी नौकरी भी छीन ली जा रही है जिसको लेकर स्टाफ नर्स अमृता यादव के नेतृत्व में स्वास्थ्य कर्मचारियों ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज के परिसर में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर तीसरे दिन प्रदर्शन किया। मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स, वार्ड बॉय, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, सफाई कर्मी, वार्ड आया, पैरामेडिकल स्टाफ के लगभग 500 कर्मचारियों को जो कोविड-19 के दौरान सेवा दे रहे थे, उनको पद मुक्त कर बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है उनकी मांग है कि हमने जो काम किया उसका पेमेंट और जो हमे निकाला जा रहा है हमे कोई नियुक्ति पद का लेटर हमे यही किसी तरह का काम दिया जाय नही तो हमलोग प्रदर्शन करते रहेंगे। स्टाफ नर्स अमृता यादव ने कहा कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं की जाएगी तब तक हम लोग अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे यहां पर तीनों कंपनियों के इंप्लाइज है, यहां पर प्रिंसिपल सिक्योरिटी,
हर्ष इंटरप्राइजेज और एलाइड सर्विसेज संविदा जितने भी एंप्लाइज हैं जब तक उन्हें नीति पत्र नहीं दिया जाएगा तब तक हम लोग का यह धरना प्रदर्शन चलता रहेगा, हमारी मांग है कि हमारी भी हुई सैलरी रिलीज कराई जाए, 6 महीने से हम लोग जॉब कर रहे हैं नाथ जॉइनिंग लेटर मिला है और ना ही सैलरी, 6 महीने से कोई सबूत नहीं है कि हम लोगों ने यहां पर नौकरी की है, यह दो चीज हमें दी जाए और हमें यहां पर स्थाई किया जाए, हम यह नहीं कह रहे हैं कि हमें परमानेंट किया जाए, हम लोगों को जब रखा गया था तो कभी किसी ने यह नहीं बताया कि हमें सिर्फ 6 महीने के लिए यहां पर रखा गया है, यह धोखे में रखकर हम लोगों को यहां पर ज्वाइन कराया गया, गुमराह करके ज्वाइन कराया गया हम चाहते हैं कि हमारे जितने भी भाई बहन यहां पर बैठे हैं, जितने भी इंप्लाइज है यहां पर चाहे वह फोर्थ क्लास क्यों हो, जो भी पैरामेडिकल के स्टाफ है, सब को वापस रखा जाए, इस जॉब में आने के लिए लोगों ने बहुत मेहनत किया है, सबसे बड़ी बात थी करो ना काल में कोविड काल में हम लोगों ने ड्यूटी किया है,
ये भी पढ़ें-रेल रोको अभियान के तहत ट्रैक पर टेंट लगाकर बैठे किसान
कोविड काल में हम लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों की सेवा की। जहां कोई नहीं जाना चाहता था वहां पर जाकर हम लोगों ने इलाज किया। आप सभी जानते हैं कि उस समय बाप अपने बेटे को नहीं छोड़ना चाहता था मां अपनी बेटी को नहीं सुनना चाहती थी लेकिन हम लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी किया, जिस समय देश जूझ रहा था लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे थे उस समय हम लोग ड्यूटी कर रहे थे, आज डीएम साहब आए थे उन्होंने हमसे कहा है कि हम आप लोगों को एक सर्टिफिकेट दे देंगे कि आप लोगों ने कोरोना कॉल में ड्यूटी किया है वह सर्टिफिकेट हम लेकर क्या करेंगे, आप हमें निकालने की बात कर रहे हो, ये 6 महीने की जॉब करने हम आए थे, पहले पता रहता तो कोई नहीं आता।