विकास दुबे के अंत के बाद बिकरु में आबाद हुआ लोकतंत्र

पंचायत चुनावों में पहली बार बिकरु गांव में लोकतंत्र की बयार बहेगी। कुख्यात विकास दुबे के मारे जाने के बाद अब्र यहां प्रत्याशियों के पोस्टर लगे हैं और लोग खुलकर चुनावों की चर्चा कर रहे हैं। इससे पहले विकास दुबे अपने परिवार के लोगों या चहेतों को लड़ाता था और उसका प्रत्याशी निर्विरोध जीतता था।

मतलब प्रधान की घोषणा विकास दुबे ही कर देता था, चुनाव तो खानापूर्ति ही महज होते थे। लेकिन, इस बार 25 साल बाद प्रधान पद के लिए 10 प्रत्याशी मैदान में हैं। डेढ़ हजार आबादी वाली इस पंचायत में गांव में लगे बैनर पोस्टर विकास दुबे की दहशत से आजादी का अहसास दिला रहे हैं। प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ रहे रमाशंकर दिवाकर कहते हैं, इससे पइले कभी चुनाव लड़ने की हिम्मत ही नहीं पड़ी। विकास दुबे जिस पर हाथ रख देता था, वहीं प्रधान बन जाता था।

 

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