बदरीधाम के मास्टर प्लान का दिल्ली में हुआ डेमो
केदारनाथ धाम की तर्ज पर बदरीनाथ के विकास का खाका तैयार कर लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस मास्टर प्लान पर अनुमोदन मिलने के बाद अब राज्य सरकार वित्तीय मददगारों को तलाश रही है। इसके लिए शुक्रवार को नई दिल्ली में कई मशहूर सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनियों के अधिकारियों के समक्ष मास्टर पलान की प्रस्तुति दी गई और सामाजिक कारपोरेट जिम्मेदारी के तहत मदद की अपील की गई।
नई दिल्ली के अशोका होटल में उत्तराखंड सरकार के सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने सार्वजनिक क्षेत्रों के शीर्ष उपक्रमों के प्रतिनिधियों के सम्मुख बद्रीनाथ मास्टर प्लान का प्रस्तुतीकरण दिया गया। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान के अंतर्गत किए जाने वाले कार्यों में पर्यावरणीय संतुलन तथा स्थानीय हित धारकों के निहितार्थ को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
जावलकर ने यह भी बताया कि श्री बद्रीनाथ धाम भारत के प्रमुख चार धामों में से एक है और श्रद्धालुओं का परम प्रिय धार्मिक गंतव्य है। प्रतिवर्ष लगभग 10 लाख से अधिक श्रद्धालु यहां पर दर्शनार्थ आते हैं। श्रद्धालुओं की बढ़ती हुई संख्या, सीमित संसाधनों तथा भौगोलिक प्रतिबंधों के कारण यह आवश्यक हो गया है कि अब इस पवित्र धाम की क्षमता को बढ़ाने के लिए इसे एक मास्टर प्लान के अंतर्गत विकसित किया जाए।
कुछ प्रतिनिधियों द्वारा बताया गया कि इस संबंध में उनके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी गई है। सचिव ने बताया कि केदारनाथ चैरिटेबल ट्रस्ट ही श्री बद्रीनाथ मास्टर प्लान योजना के लिए एक नोडल संस्था के रूप में कार्य करेगा।
इस अवसर पर सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के वरिष्ठ प्रबंधकों में एचपीसीएल एस सुब्बा राव, ओएनजीसी के एस.एस. प्रतिभान एवं डी.के. सिंह, एनटीपीसी के डी.के. पटेल, पीएफसी के आर. मुरारी, टीएचडीसी के आर.एन. सिंह, कोल इंडिया के एच. एस. मिश्रा, एनएचपीसी के आर. के. अग्रवाल एवं विश्वजीत बासु, ऑयल इंडिया लिमिटेड के अपूर्व चतुर्वेदी आदि मौजूद रहे।
क्या है मास्टर प्लान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर केदारनाथ की तर्ज पर बदरीनाथ धाम को विकसित करने के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत 424 करोड़ का मास्टर प्लान तैयार किया गया है। तीन चरणों में बदरीनाथ में सुविधाओं के लिए बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा। पहले चरण में शेष नेत्र व बद्रीश झील का सौंदर्यीकरण किया जाएगा।
दूसरे चरण में बदरीनाथ मुख्य मंदिर व उसके आसपास के क्षेत्र का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। वहीं, अंतिम चरण में मंदिर से शेष नेत्र झील को जोड़ने वाले आस्था पथ का निर्माण कार्य प्रस्तावित है। बदरीनाथ धाम में तालाबों के सौंदर्यीकरण, स्ट्रीट स्कैपिंग, क्यू मैनेजमेंट, मंदिर एवं घाट सौंदर्यीकरण, बद्रीश वन, पार्किंग फैसिलिटी, सड़क एवं रिवर फ्रंट डेवलपमेंट आदि निर्माण कार्य मास्टर प्लान के तहत चरणबद्ध ढंग से प्रस्तावित किए गए हैं।