गंगाजल से बनी वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल की मांग, HC में याचिका दायर
प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने गंगा जल से कोविड19 (Covid19) को खत्म करने की वैक्सीन (Vaccine) तैयार करने के लिए क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति देने की मांग में दाखिल याचिका पर इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च एवं भारत सरकार की इथिक्स कमेटी को नोटिस जारी की है. कोर्ट ने नोटिस जारी कर भारत सरकार सहित सभी विपक्षियों से छह हफ्ते में जवाब मांगा है. यह आदेश कार्यवाहक चीफ जस्टिस एमएन भंडारी और जस्टिस राजेन्द्र कुमार की खंडपीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता अरूण कुमार गुप्ता की जनहित याचिका पर दिया है.
याची अरुण कुमार गुप्ता का कहना है कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. वीएन मिश्र के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने गंगा जल पर रिसर्च कर नोजल स्प्रे वैक्सीन तैयार की है. जो मात्र 30 रूपये में लोगों को कोरोना से राहत दे सकती है. इसकी रिपोर्ट तैयार कर इथिक्स कमेटी को भेजी गयी है और क्लिनिकल ट्रायल की अनुमति मांगी गयी है. किन्तु कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है. बीएचयू के डॉक्टर का दावा है कि वैक्टीरियो फेज थिरेपी से कोरोना का खात्मा किया जा सकता है.
याचिका मे मांग की गई है कि आयुष मंत्रालय व आईसीएमआर को डॉ. वीएन मिश्र की टीम को क्लिनिकल ट्रायल की अनुमति देने का समादेश जारी किया जाए तथा पुणे के वायरोलाजी लैब में गंगा जल से तैयार वैक्सीन का टेस्ट कराया जाए. शोध प्रस्ताव राष्ट्रपति को भी भेजा गया है, जिसमें दावा किया गया है कि गंगा जल का क्लिनिकल ट्रायल कर कोरोना को जड़ से खत्म करने की वैक्सीन तैयार की जा सकती है.