लखबीर हत्याकांड मामले में CBI जांच की मांग, ASP अब पीएम मोदी को पत्र लिखेगी
नई दिल्ली : सिंघु बॉर्डर पर दलित लखबीर सिंह (Lakhbir Singh) की निहंगों द्वारा की गई निर्मम हत्या के मामले की सीबीआई जांच (CBI Inquiry) की मांग उठ रही है. भीम आर्मी चीफ और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) को पत्र लिखकर इस मामले में निष्पक्ष न्याय के लिए इसकी सीबीआई से जांच कराने, पीडि़त परिवार को एक करोड़ का मुआवजा देने तथा उन्हें पुलिस प्रोटेक्शन दिए जाने की मांग की है.
दरअसल, चंद्रशेखर आजाद सोमवार को पंजाब के तरणतारण जिला स्थित मृतक लखबीर सिंह (Lakhbir Singh) के गांव पहुंचे. यहां उन्होंने लखबीर सिंह के घर जाकर उनके परिजनों से मुलाकात की और उनका दुख-दर्द सुना. साथ ही उनकी हरसंभव मदद करने का आश्वासन भी दिया. इस मुलाकात के बाद उन्होंने पंजाब के सीएम चन्नी को पत्र लिखकर पीडि़त परिवार के लिए न्याय की मांग उठाई.
उन्होंने पत्र में लिखा, बीते 14-15 अक्टूबर को सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के मंच के पास आपके राज्य के दलित मजदूर लखबीर सिंह की हत्या कर दी गई थी. उस पर आरोप लगाया जा रहा है कि उसने धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी की थी. लखबीर के गांववालों और परिवारवालों से मुलाकात के बाद जो तथ्य सामने आए हैं, उससे इस मामले में संदेह पैदा हो रहा है. परिवार का साफ कहना है कि लखबीर ऐसा नहीं कर सकता. उन्होंने पत्र में आगे लिखा, मेरा तो ये भी मानना है कि अगर ये आरोप सही भी मान लिए जाएं तो किसी को कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं है. ऐसे मामलों से निपटने के लिए देश में कानून है, कोर्ट है. अब स्थिति ये है कि परिवार लगातार अपमान झेल रहा है और साथ ही वे लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे है
उन्होंने पत्र में पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी से आगे कहा कि लिहाजा, इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए केंद्र सरकार को लिखें. पीडि़त परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए. इसके साथ ही परिवार की सुरक्षा की जिम्मेदारी आपकी पुलिस ले और जरूरी हो तो परिवार को चंडीगढ़ में फ्लैट देकर शिफ्ट किया जाए.
इस मामले को लेकर आजाद समाज पार्टी के प्रवक्ता सूरज कुमार बौद्ध का कहना है कि अब हम इस पूरे प्रकरण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पत्र लिखेंगे. इस घटना का लेकर ऐसा लग रहा है कि केंद्र सरकार को एक्शन लेना चाहिए, क्योंकि राज्य सरकार इस मामले में फेल साबित हो रही है. निहंगों ने इसे एक धार्मिक मसला बना दिया है, इसलिए कोई भी परिवार के साथ खड़ा नहीं हो रहा है. बीजेपी और कांग्रेस आगामी चुनाव के चलते कुछ करना नहीं चाह रही है और धार्मिक रंग होने के चलते शिअद इसमें कुछ करेगी नहीं. हम यह भी देख रहे हैं कि परिवार की आर्थिक मदद भी कैसे की जाए.