जर्मनी, स्वीडन की तर्ज पर दिल्ली वालों को भी मिलेगा हेल्थ कार्ड, जल्द आएगा प्रस्ताव
नई दिल्ली. दिल्ली सरकार (Delhi Government) दिल्ली वालों को विदेशों की तर्ज पर हेल्थ कार्ड (Health Card) मुहैया कराने की तैयारी में जुटी हुई है. सरकार ने अगले साल तक राजधानी वासियों को हेल्थ कार्ड जारी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. देश में अपनी तरह का यह अलग हेल्थ कार्ड होगा जिसमें स्वास्थ्य संबंधित सभी जानकारियां उपलब्ध होंगी. वोटर आईडी (Voter ID) और जनसंख्या रजिस्ट्री के आधार पर दिल्ली के निवासियों को क्यूआर कोड आधारित ई हेल्थ कार्ड जारी किए जाएंगे.
जानकारी के मुताबिक केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली (HIMS) को अगले साल की शुरूआत में लागू कर देगी. इसके लिए वेंडर चयन और वित्तीय बिड की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और इसे लागू करने के लिए कैबिनेट (Cabinet) में रखने की तैयारी चल रही है.
देश में अपनी तरह का यह अलग और इकलौता सिस्टम होगा, जिसके तहत दिल्ली के हर नागरिक को एक हेल्थ कार्ड मिलेगा, जिसमें उनके स्वास्थ्य से संबंधित सारी जानकारी होगी. अभी तक ऐसा सिस्टम स्वीडन (Sweden), युगांडा (Uganda) और जर्मनी (Germany) आदि कुछ विकसित देशों में उपलब्ध है.
इस योजना को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने अधिकारियों को निर्देश भी दिए हैं कि युद्ध स्तर पर काम करते हुए प्रोजेक्ट को तय समय सीमा के भीतर पूरा किया जाए. सीएम केजरीवाल ने स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली (एचआईएमएस) प्रोजेक्ट की प्रगति की समीक्षा भी की है. एचआईएमएस और इसके अंतर्गत हेल्थ हेल्पलाइन व हेल्थ कार्ड प्रोजेक्ट की समीक्षा भी की गई.
वेंडर का चयन और वित्तीय बिड की प्रक्रिया पूरी
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की माने तो इस प्रोजेक्ट में काफी प्रगति हुई है. वेंडर का चयन और वित्तीय बिड की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है. तकनीकी मूल्यांकन, स्पष्टीकरण सहित तकनीकी मूल्यांकन का अनुमोदन पूरा हो गया है.
कैबिनेट नोट का मसौदा अंतर विभागीय विचार विमर्श के लिए भेजा
अधिकारियों का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री की मंजूरी के बाद कैबिनेट नोट का मसौदा अंतर विभागीय विचार-विमर्श के लिए भेज दिया गया. पहले चरण का कार्य साल के अंत कर पूरा कर लिया जाएगा और अगले साल की शुरूआत में इसको लागू कर दिया जाएगा.
अगले 3 माह के भीतर स्थापित होगा कॉल सेंटर
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हेल्थ हेल्पलाइन प्रोजेक्ट में भी काफी प्रगति हुई है. इसके लिए वेंडर के चयन की प्रक्रिया चल रही है और इसको भी जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. लोगों की सुविधा के लिए कॉल सेंटर स्थापित किया जाना है, जहां लोगों की समस्याएं सुनी जाएंगी और उनका निदान किया जाएगा. इसकी स्थापना भी अगले तीन माह में पूरा करने का लक्ष्य है.
केंद्रीकृत हेल्थ हेल्पलाइन के लिए कॉल सेंटर बनेगा
एचआईएमएस प्रोजेक्ट को लागू करने के लिए दो स्तर पर केंद्रीकृत कॉल सेंटर स्थापित होगा. पहले स्तर में कॉल सेंटर ऑपरेटर लोगों के कॉल और मैसेज प्राप्त करेंगे. सीआरएम को लॉग-इन कर केस का आंकलन करते हुए उसका समाधान कराएंगे और संबंधित उपलब्ध हेल्थ केयर स्टाफ को बताएंगे. ऑपरेटर कॉल करने वाले को संबंधित जानकारी देंगे और अंत में उसकी रिपोर्ट बनाई जाएगी.
HIMS लागू होने से अस्पतालों में लोगों को नहीं लगानी पड़ेगी लाइन
स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली के लागू होने के बाद लोगों को अस्पतालों में लंबी-लंबी लाइनों में नहीं लगना पड़ेगा और उन्हें लाइनों में लगने से मुक्ति मिल जाएगी. जब भी उन्हें डॉक्टर को दिखाने की जरूरत होगी, वो घर बैठे ही ऑनलाइन माध्यम से उनसे मिलने का समय ले सकेंगे. डॉक्टर से मिलने के लिए एक समय दिया जाएगा और उस समय पर जाकर उनसे परामर्श ले सकेंगे.
हेल्थ कार्ड बनाने के लिए दिल्लीभर में किया जाएगा सर्वे
दिल्ली सरकार की योजना है कि लोगों को हेल्थ कार्ड बनवाने के लिए अस्पतालों या दफ्तारों के चक्कर न काटने पड़े. लोगों को इस परेशानी से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार पूरी दिल्ली में सर्वे कराएगी, जिससे की सभी का हेल्थ कार्ड बनाया जा सके. साथ ही अस्पतालों व अन्य निर्धारित स्थानों पर भी हेल्थ कार्ड बनाए जाएंगे. डोर टू डोर सत्यापन कर हेल्थ कार्ड वितरित किए जाएंगे.
हेल्थ कार्ड प्रोजेक्ट में कई गतिविधियां प्रस्तावित
हेल्थ कार्ड प्रोजेक्ट के तहत वोटर आईडी और जनसंख्या रजिस्ट्री के आधार पर दिल्ली के निवासियों को क्यूआर कोड आधारित ई-हेल्थ कार्ड जारी किए जाएंगे. जिससे प्रत्येक मरीज की जनसांख्यिकीय और बुनियादी क्लीनिकल जानकारी प्राप्त की जा सकेगी. स्वास्थ्य योजनाओं और कार्यक्रमों के लिए ई-हेल्थ कार्ड के माध्यम से पूरे परिवार की मैपिंग की जाएगी.