दिल्ली दंगे से जुड़े मामले में आया पहला फैसला, कोर्ट ने एक आरोपित को किया बरी
2020 Delhi Riots दिल्ली दंगे के मामले में आरोपित सुरेश भटूरा को कोर्ट ने बरी कर दिया है। दिल्ली दंगे में पहली बार कोई आरोपित बरी हुआ है। फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी जिले में सीएए व एनआरसी को लेकर दंगे हुए थे। इसमें 53 लोगों की मौत हुई थी।
दिल्ली दंगे के एक मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट का पहला फैसला आया है। फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगे में वेलकम इलाके में एक टीवी दुकान में डकैती व तोड़फोड़ के मामले में कोर्ट ने सुरेश उर्फ भटूरा नाम के आरोपित को बरी कर दिया है। दिल्ली दंगे में पहली बार कोई आरोपित बरी हुआ है। जिस दुकान में वारदात हुई थी वह भगत सिंह नाम के व्यक्ति की थी, दुकान आसिफ नाम के व्यक्ति ने किराये पर ली हुई थी। 25 फरवरी 2020 की शाम को सुरेश ने हाथ में लोहे की रॉड लेकर दंगाइयों की भीड़ के साथ बाबरपुर रोड पर स्थित टीवी की दुकान पर हमला कर दिया था। दुकान का सारा सामान लूट लिया था। भगत सिंह ने पुलिस से कहा था दंगाइयों ने इसलिए दुकान लूटी, क्योंकि वह दूसरे धर्म के व्यक्ति की थी।
दंगे के दौरान वेलकम इलाके में टीवी रिपेयरिंग की दुकान से लूटपाट और तोड़फोड़ करने के मामले में सुरेश उर्फ भटूरा को सात अप्रैल 2020 को गिरफ्तार किया गया था। वह गांधीनगर में कपड़े की दुकान पर काम करता था।
कोर्ट ने इसलिए आरोपित को किया बरी
फैसला देते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने कहा कि पुलिस की तरफ से पेश किए गए सबूत में आरोपित की पहचान साबित नहीं हो पायी और गवाहों की गवाही पूरी तरह से एक-दूसरे के विपरीत है। इसलिए आरोपित को बरी किया जाता है। पुलिस का आरोप था कि सुरेश उर्फ भटूरा लोहे की छड़ और लाठी ले जा रहे दंगाइयों की भीड़ के साथ था। वह दिल्ली के बाबरपुर रोड पर स्थिति एक दुकान का ताला कथित रूप से तोड़ दिया था। इसके बाद कथित तौर पर 25 फरवरी की शाम को दुकान को लूट लिया गया।
यह धाराएं लगी थीं
पुलिस ने सुरेश के खिलाफ 454 (घर में अनाधिकार प्रवेश), 149 और 394 (डकैती) का केस दर्ज किया था। बता दें कि फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी जिले में सीएए व एनआरसी को लेकर दंगे हुए थे। इसमें 53 लोगों की मौत हुई थी जबकि करीब 700 लोग घायल हुए थे। दिल्ली दंगा मामले में कई आरोपितों के खिलाफ ट्रायल चल रहा है।