Delhi प्रदूषण: सुप्रीम कोर्ट ने GRAP-4 से GRAP-2 तक छूट दी, AQI पर रखेगी नजर
Delhi में प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए GRAP (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के चरण-4 के तहत लगाए गए प्रतिबंधों को शिथिल करते हुए
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सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को Delhi में प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए GRAP (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के चरण-4 के तहत लगाए गए प्रतिबंधों को शिथिल करते हुए GRAP चरण-2 तक लाने की अनुमति दी। अदालत ने यह निर्देश दिया कि यदि किसी भी दिन एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 350 या 400 से अधिक हो जाता है, तो GRAP के चरण-3 या चरण-4 को तुरंत लागू किया जाएगा।
न्यायालय ने कहा कि वह GRAP के तहत प्रदूषण की स्थिति और AQI पर अपनी नजर बनाए रखेगा।
Delhi सरकार को फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने Delhi सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों को ₹8000 का अनुदान अब तक नहीं दिया गया है। यह अनुदान GRAP चरण-4 के तहत लगाए गए प्रतिबंधों के कारण प्रभावित हुए श्रमिकों के लिए घोषित किया गया था।
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टिन जॉर्ज मासिह की पीठ ने इस मुद्दे पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार से जवाब मांगा। अदालत ने कहा कि श्रमिकों को अनुदान देने में देरी करना अन्याय है।
Delhi सरकार के मुख्य सचिव ने अदालत को आश्वासन दिया कि “हम कल तक भुगतान करेंगे।” यह बयान अदालत में लाइव लॉ द्वारा रिपोर्ट किया गया।
GRAP के चरणों का महत्व
GRAP चरण-4 के तहत अत्यधिक सख्त प्रतिबंध लगाए जाते हैं, जिसमें निर्माण गतिविधियों पर रोक, वाहनों की आवाजाही पर नियंत्रण, और आवश्यक सेवाओं को छोड़कर कई अन्य आर्थिक गतिविधियों को निलंबित करना शामिल है।
- GRAP चरण-2 तक छूट:
अब चरण-2 के तहत, प्रतिबंधों में कुछ राहत दी जाएगी, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण के उपाय जारी रहेंगे। - 350 और 400 AQI पर नियम सख्त:
अदालत ने निर्देश दिया कि यदि AQI फिर से खराब स्तर (350+) या गंभीर स्तर (400+) तक पहुंचता है, तो GRAP के अगले चरणों को तुरंत लागू किया जाएगा।
श्रमिकों की स्थिति पर चिंता
GRAP चरण-4 के प्रतिबंधों ने निर्माण श्रमिकों को आर्थिक रूप से बुरी तरह प्रभावित किया है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रभावित श्रमिकों को जल्द से जल्द उनका अनुदान मिले।
- श्रमिकों के लिए ₹8000 का अनुदान महत्वपूर्ण है ताकि वे अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें।
- अदालत ने सरकार को यह भी याद दिलाया कि ऐसी देरी उनके लिए आर्थिक संकट खड़ा कर सकती है।
Delhi , सुप्रीम कोर्ट की निरंतर निगरानी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह प्रदूषण नियंत्रण उपायों और AQI की स्थिति की निगरानी जारी रखेगा। अदालत ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों से प्रभावी और त्वरित कदम उठाने की अपील की।
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Delhi में प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय प्रदूषण नियंत्रण और आर्थिक गतिविधियों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश है। अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि Delhi प्रदूषण की स्थिति बिगड़ती है, तो सख्त उपाय तुरंत लागू किए जाएंगे। वहीं, श्रमिकों के कल्याण पर ध्यान देना सरकार की जिम्मेदारी है, ताकि प्रदूषण नियंत्रण के उपायों का आर्थिक भार गरीब वर्ग पर न पड़े।