दिल्ली पुलिस ने पहलवानों को दी क्लीनचिट, अदालत से अर्जी खारिज करने की की मांग
शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने अदालत में कहा कि wi-fi के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर जंतर मंतर पर धरना देने वाले पहलवानों के खिलाफ नफरत ही भाषण का कोई मामला नहीं बनता। पुलिस ने मामले को लेकर अदालत से उस अर्जी को खारिज करने का अनुरोध भी किया जिसमें उसे पहलवानों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने के सख्त निर्देश दिए गए थे।
कोर्ट में दायर कार्यवाही की रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा शिकायतकर्ता ने पेनड्राइव में जो वीडियो क्लिप भी है उसमें कुछ अज्ञात प्रदर्शनकारी जंतर मंतर पर नारे लगाते दिखाई दे रहे हैं। प्रदर्शनकारी पहलवान बजरंग पुनिया विनेश फोगाट और अन्य इस वीडियो क्लिप में कोई ऐसा नारा लगाते नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में पहलवानों के खिलाफ नफरत ही भाषण का कोई मामला नहीं बनता। अदालत ने याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 7 जुलाई की तारीख तय की है। मामला वीडियो क्लिप में कुछ अज्ञात लोगों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक नारे लगाने का है।
7 जून को पहलवानों ने केंद्रीय खेल मंत्री से मुलाकात की थी, जिसके बाद प्रदर्शन 15 जून तक स्थगित करने की घोषणा हो गई थी। सरकार ने मामले में आश्वासन दिया था कि 15 जून तक ब्रज भूषण के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल होगा। बैठक के बाद पहलवानों ने कहा था कि हमें एफ आई आर भी वापस लिए जाने का भरोसा दिलाया गया है।
दिल्ली पुलिस ने पीड़ित महिला पहलवान को बृजभूषण के आधिकारिक आवास पर ले गई जिससे कि उन घटनाओं को रीक्रिएट किया जा सके जिन के तहत यौन उत्पीड़न की घटना को अंजाम दिया गया था। पहलवान विनेश फोगाट ने ट्वीट कर उन मीडिया रिपोर्टों पर निराशा जताई जिनमें दावा किया गया था कि पहलवान समझौते के लिए बृजभूषण के आवास पर पहुंचे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय रेफ्रिजर वीर सिंह ने दावा किया कि मैंने 2013 के बाद से कई मौकों पर महिला पहलवानों के प्रति बृजभूषण का गलत रवैया देखा है। कहा, मैं 2007 से रैप्सरी हूं। बृजभूषण को अच्छे से जानता हूं। लड़कियों के शिकायत कर आने से पहले मैं ज्यादा कुछ नहीं कह पाया