केजरीवाल के नजरबंद होने के दावे को लेकर दिल्ली पुलिस ने दी सफाई
नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि सिंघू बॉर्डर पर केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से मिलने के बाद से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली पुलिस ने नजरबंद कर दिया है। पुलिस ने हालांकि पार्टी के दावों को खारिज किया है। केजरीवाल ने सिंघू बॉडर्र पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से सोमवार को मुलाकात की थी।
आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि दिल्ली पुलिस ने केजरीवाल को नजरबंद कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ गृह मंत्रालय के निर्देश पर, दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को सिंघू बॉर्डर पर किसानों से मिलने के बाद से ही नजरबंद कर दिया है। किसी को भी उनके आवास जाने या वहां से बाहर आने की अनुमति नहीं है, उन्हें किसी से मिलने भी नहीं दिया जा रहा है। जब हमारे विधायक मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे, तो उन्हें पीटा गया और सड़कों पर धकेल दिया गया। पार्टी कार्यकर्ताओं को भी उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा।’’
भारद्वाज ने आरोप लगाया, ‘‘ भाजपा नेता दरवाजों पर खड़ें हैं और पुलिस कर्मी उनको आने दे रहे हैं। वहां कई अवरोधक लगाए गए हैं और घरेलू सहायिका को भी घर के अंदर नहीं जाने दिया जा रहा। केन्द्र को डर है कि इस ‘भारत बंद’ में अगर निर्वाचित मुख्यमंत्री ने किसानों का साथ दिया तो उसके झूठ का पर्दाफाश हो जाएगा।’’ महापौर, उप महापौर और भाजपा के नेतृत्व वाले शहर के तीनों नगर निगमों के अन्य वरिष्ठ नेता ‘‘बकाया राशि’’ देने की मांग को लेकर सोमवार से ही केजरीवाल के आधिकारिक आवास के बाहर धरना दे रहे हैं।
भारद्वाज ने कहा कि आप के सदस्य यह सुनिश्चित करेंगे कि मुख्यमंत्री को ‘‘रिहा’’ किया जाए। उन्होंने कहा, ‘‘ हमसे कहा गया है कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) से सीधे आदेश हैं कि किसानों का प्रदर्शन जारी रहने तक केजरीवाल को नजरबंद रखा जाए। आज, हमारे पार्टी के सदस्य यहां एकत्रित हुए हैं और हम केजरीवाल के आवास की ओर जाएंगे। अगर पुलिस ने हमारे साथ दुव्र्यवहार किया, तो भी हम उनके आवास तक जाएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि केजरीवाल को रिहा किया जाए।’’
इन सभी दावों को खारिज करते हुए, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ यह सच नहीं है। मुख्यमंत्री कहीं भी आ या जा सकते हैं। हमने उनके आवास के बाहर अपने सुरक्षा कर्मी तैनात किए हैं। बल्कि वह कल शाम भी बाहर आए थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ लोगों की आवाजाही पर भी कोई रोक नहीं है। भाजपा और आप के सदस्यों के बीच किसी भी संघर्ष को रोकने के लिए हमने एहतियाती तौर पर अपने दस्ते वहां तैनात किये हैं।’’ पुलिस उपायुक्त (उत्तर) एंटो अल्फोंस ने भी केजरीवाल के आवास के प्रवेश द्वारा की तस्वीर साझा की और सभी आरोपों को खारिज किया।
डीसीपी ने कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री को नजरबंद करने के आरोप गलत हैं। वह कानून के शासन में स्वतंत्रता से कहीं भी आने-जाने के अपने अधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं। आवास के प्रवेश द्वार की तस्वीर सब स्पष्ट करती है।’’ आप के अन्य नेताओं ने भी आरोप लगाया कि केजरीवाल किसानों को समर्थन ना दें पाएं इसलिए उन्हें नजरबंद कर दिया गया है। आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया, ‘‘ सिंघू बॉर्डर से आने के बाद से ही अरविंद केजरीवाल को नजरबंद कर दिया गया है। सरकार नहीं चाहती कि केजरीवाल किसानों के साथ खड़े हों और इसलिए ही यह कदम उठाया गया है।’’
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, ‘‘ केजरीवाल को नजरबंद कर, केन्द्र किसानों के समर्थन में उठने वाली हर आवाज को दबाना चाहती है।’’ आम आदमी पार्टी ने किसान संगठनों द्वारा आहूत ‘भारत बंद’ को पूरा समर्थन दिया है। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हजारों किसान केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से लगी सीमाओं पर बीते 13 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं।