Delhi-NCR की हवा हुई जानलेवा, कई इलाकों में AQI 999, जानें अपने इलाके का हाल
नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में दिवाली (Diwali 2021) पर पटखों (Firecrackers) पर बैन होने के बाद भी जमकर आतिशबाजी हुई. इस वजह से दिल्ली-एनसीआर के अधिकतर इलाकों में वायु गुणवत्ता (Delhi Air Quality) ‘खतरनाक’ श्रेणी में दर्ज की गई है. सच कहा जाए तो सर्दी का मौसम आने के साथ ही कोहरा बढ़ने की खबरों के बीच वायु प्रदूषण के डराने वाले आंकड़े सामने आ रहे हैं. जबकि बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण सांस तक लेना मुश्किल हो रहा है. शुक्रवार सुबह दिल्ली के पूसा, मंदिर मार्ग, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम, आनंद विहार, ओखला समेत तमाम इलाकों में AQI 999 दर्ज किया गया, जो कि उच्चतम है, क्योंकि इसके बाद इसको मापने का कोई तरीका नहीं है. यही नहीं, दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम समेत अन्य इलाकों में भी हवा जहरीली हो गई है.
बता दें कि शुक्रवार की सुबह दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण अपने चरम पर है और शनिवार को भी इसके ‘खतरनाक’ श्रेणी में बने रहने की संभावना है. वहीं, आज सुबह पूसा, मंदिर मार्ग, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम, श्रीनिवासपुरी, आनंद विहार, कर्णी सिंह शूटिंग रेंज और ओखला समेत तमाम इलाकों में AQI 999 दर्ज किया, जो कि वायु गुणवत्ता मापने का उच्चतम पैमाना है. यही नहीं, दिल्ली के 27 निगरानी केंद्रों पर भी वायु गुणवत्ता ‘खतरनाक’ श्रेणी में दर्ज की गई. दिल्ली और इसके आसपास के कई क्षेत्रों के लोगों ने गले में खराश और आंखों से पानी आने की शिकायतें की हैं.
नोएडा, गाजियबाद और गुरुग्राम के भी बिगड़े हालात
नोएडा के सेक्टर, 1,62, 116 और 125 समेत तमाम इलाकों में AQI 999 दर्ज किया गया. वहीं, ग्रेटर नोएडा में भी नॉलेज पार्क 1 में एक्यूआई 999 रहा. इसके अलावा गाजियाबाद के संजय नगर में यह अपने सर्वोच्च स्तर पर रहा. जबकि फरीदाबाद में भी सेक्टर 30 समेत कई जगह एक्यूआई 999 नंबर के साथ रेड जोन में दिखा, तो गुरुग्राम भी वायु गुणवत्ता ‘खतरनाक’ श्रेणी में दर्ज की गई और यहां भी AQI 999 रहा.
बता दें कि शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ”अच्छा”, 51 और 100 के बीच ”संतोषजनक”, 101 और 200 के बीच ”मध्यम”, 201 और 300 के बीच ”खराब”, 301 और 400 के बीच ”बहुत खराब”, तथा 401 और 500 के बीच को ”गंभीर” माना जाता है. वहीं, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर’के पूर्वानुमान के मुताबिक, शुक्रवार को दिल्ली के प्रदूषण स्तर में पराली जलाने का योगदान बढ़कर 35 प्रतिशत और शनिवार को 40 प्रतिशत तक पहुंच सकता है. इस वजह से हवा जहरीली बनी रहेगी. सफर के मुताबिक, सात नवंबर की शाम तक ही कुछ राहत मिलने की उम्मीद है. हालांकि एक्यूआई ”बेहद खराब” की श्रेणी में रहने की आशंका है.
पटाखों पर बैन साबित हुआ बेमानी
राष्ट्रीय राजधानी में एक जनवरी 2022 तक पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद दक्षिण दिल्ली के लाजपत नगर, उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी, पश्चिमी दिल्ली के पश्चिम विहार और पूर्वी दिल्ली के शाहदरा में शाम सात बजे से पटाखे जलाए जाने के मामले सामने आए. वहीं, गुरुग्राम और फरीदाबाद में उच्च-तीव्रता के पटाखे जलाये गए. हरियाणा सरकार ने भी दिल्ली से सटे क्षेत्रों समेत 14 जिलों में पटाखे की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया था.