बांद्रा और सूरत के बाद राजधानी दिल्ली के प्रवासी मजदूर यमुना किनारे हुए एकजुट
भारत में कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार भारत में कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 11,933 हो गई है(इसमें 10,197 सक्रिय मामले, 1,344 ठीक/डिस्चार्ज/विस्थापित मामले और 392 मौतें शामिल है। ऐसे में खबर है कि मुंबई के बांद्रा और गुजरात के सूरत के बाद राजधानी दिल्ली में भी लोग एक जगह एकजुट हो गए हैं।
दिल्ली में यमुना नदी के किनारे हजारों की संख्या में दिहाड़ी मजदूर जमा हो चुके हैं। यहां सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ा रही है। जानकारी आ रही है कि इन्हें दिल्ली के अलग अलग शेल्टर होम ले जाने की कोशिश हो रही है। हालांकि फिलहाल ये साफ नहीं है कि ये सारे प्रवासी मजदूर अपने अपने राज्यों में जाने के लिए यहां इक्ट्ठा हुए हैं। यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बिलकुल नहीं हो रहा है।
इस तरह से देश के हालात और खराब हो सकते हैं। देश में कई जगहों पर मजदूर प्रवासी इकट्ठा होकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। देश में जिस तरह से कोरोनावायरस तेजी से फैल रहा है उसका डर भी इन लोगों को नहीं सता रहा है। अगर इस भीड़ में किसी एक को भी कोरोनावायरस होता है तो हजारों की संख्या में कोरोनावायरस फैल सकता है। राज्य सरकारें लगातार लोगों से अपील कर रही है की अपने-अपने घरों में ही रहे। वही कल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी कहा था कि प्रवासियों की देखभाल महाराष्ट्र में अच्छी तरीके से की जा रही है आप बाहर ना निकले।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार अपील कर रहे हैं कि अपने घरों में ही रहे और केजरीवाल दावा भी कर रहे हैं कि वह कई लाख लोगों को खाना खिला रहे हैं। इसी के साथ शेल्टर होम में रहने की इजाजत भी लोगों को दी गई है। हालांकि इसके बावजूद आज दिल्ली में प्रवासी मजदूर बाहर निकल कर इकट्ठा होकर बैठे हुए हैं।