Delhi “केंद्र सरकार से ‘VIP कल्चर’ खत्म करने की मांग करने वाले केजरीवाल का बंगला अब बन चुका है शाही महल”
Delhi के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी (AAP) ने 24 दिसंबर 2013 को अपनी पहली बार सरकार बनने के बाद दिल्ली में बदलाव की कई बड़ी घोषणाएं की थीं।
Delhi के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी (AAP) ने 24 दिसंबर 2013 को अपनी पहली बार सरकार बनने के बाद दिल्ली में बदलाव की कई बड़ी घोषणाएं की थीं। इनमें से सबसे प्रमुख था “VIP कल्चर” को समाप्त करने का वादा। केजरीवाल ने कहा था कि वे दिल्ली में बड़े-बड़े बंगलों और लाल बत्तियों की संस्कृति को खत्म करेंगे, जिससे आम नागरिकों को समान महसूस हो सके। लेकिन अब, 11 साल बाद, केजरीवाल का खुद का सरकारी बंगला उस बदलाव के वादों से पूरी तरह उलट गया है, जिसमें उनकी सरकारी संपत्ति में शाही सुविधाएं और आलीशान सुविधाएं दिखाई दे रही हैं।
2013 में किए गए वादे
Delhi केंद्र सरकार से “VIP कल्चर” खत्म करने की मांग करते हुए, केजरीवाल ने कहा था कि किसी भी सरकारी अधिकारी या नेता को अत्यधिक लक्ज़री और विशेषाधिकार नहीं मिलने चाहिए। उनका कहना था कि आम आदमी की तरह नेताओं को भी रहना चाहिए और उनके लिए कोई विशेष सुविधा नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने लाल बत्तियों की व्यवस्था को खत्म करने का वादा किया था, जिससे सड़क पर चलने वाले आम नागरिकों को भी बराबरी का अनुभव हो।
Delhi केजरीवाल का सरकारी बंगला और शाही सुविधाएं
हालांकि, अब यही केजरीवाल खुद उसी शाही अंदाज में रह रहे हैं, जिसकी वे आलोचना करते थे। Delhi में मुख्यमंत्री के तौर पर उन्हें जो सरकारी बंगला आवंटित हुआ है, वह अब पूरी तरह से एक आलीशान महल में तब्दील हो चुका है। इसमें ऐसी सुविधाएं हैं, जो दिल्ली के अधिकांश नागरिकों के घरों से कहीं ज्यादा भव्य और सुविधाजनक हैं। इस बंगले में एक बड़ा सा स्पा है, जो न केवल आरामदायक है बल्कि वहां के रहने वाले लोगों को अत्यधिक विलासिता का अहसास भी कराता है।
सार्वजनिक आलोचना और विरोध
इस बदलाव को लेकर केजरीवाल की काफी आलोचना हो रही है, खासकर विपक्षी दलों द्वारा। उनके पुराने वादों और वर्तमान की स्थिति के बीच विरोधाभास को लेकर जनता और मीडिया में गुस्सा देखा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि केजरीवाल ने जिस तरह से “VIP कल्चर” के खिलाफ अभियान चलाया था, अब वही खुद उसी जीवनशैली का पालन कर रहे हैं, जिससे उनके आलोचकों को और भी मौका मिल गया है उन्हें निशाने पर लेने का।
याद है जब BJP नेता ने तस्वीर के फ्रेम में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे एक व्यक्ति को लात मारी थी
Delhi केजरीवाल के सरकारी बंगले में शाही सुविधाओं की मौजूदगी उनके द्वारा किए गए 2013 के वादों से एक बड़ा मुंह चिढ़ाती हुई प्रतीत होती है। अब सवाल यह उठता है कि क्या केजरीवाल अपनी पुरानी बातों पर कायम रहेंगे या इस नए बदलाव को एक राजनीतिक रणनीति के रूप में पेश करेंगे? इस घटनाक्रम ने यह साबित कर दिया है कि राजनीति और सत्ता में आने के बाद कभी-कभी पुराने वादे भी बदल जाते हैं।