दिल्ली डेंगू के डंक से परेशान, अस्पतालों में बढ़ाए गए बेड्स, जैन ने कही ये बात
नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली इस वक्त डेंगू (Dengue in Delhi) के बढ़ते मामलों की वजह से परेशान है. इस बीच दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन (Satyendra Jain) ने कहा कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में भर्ती डेंगू के 221 मरीजों में से करीब 25 फीसदी दूसरे शहरों से आए हुए हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि दिल्ली में डेंगू की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. दिल्ली के अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या (Beds Increase in Hospitals) बढ़ा दी गई है और अस्पतालों में बिस्तरों की कोई कमी नहीं है. दिल्ली में इस साल अब तक डेंगू के 723 केस सामने आए हैं.साथ ही जैन कहा कि दिल्ली के बाहर से आने वाले मरीजों का भी शहर के अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है. वहीं, अस्पतालों में डेंगू के मरीजों के लिए बिस्तरों की संख्या बढ़ा दी गई है.
दिल्ली में 11000 बिस्तर उपलब्ध
बता दें कि पिछले दो सप्ताह में राष्ट्रीय राजधानी में डेंगू के मामलों में तेजी आयी है और बीमारी से शहर में पहली मौत सोमवार को हुई थी. इस बाबत एक अधिकारी ने बताया कि सरकार डेंगू की स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है और दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों में करीब 11,000 बिस्तर उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि कोविड की दूसरी लहर के दौरान कुल 30,000 बिस्तरों की व्यवस्था की गई थी और उसी बुनियादी ढांचे के कारण दिल्ली के अस्पतालों में बिस्तरों की कोई कमी नहीं है.
सरकार कर रही ये काम
इसके अलावा अधिकारी ने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए दवा का छिड़काव और स्वच्छता अभियान नगर निगमों के हिस्से में है, फिर भी दिल्ली सरकार हालात पर नजर रखे हुए है. एहतियात के तौर पर केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के अस्पतालों में मच्छर के काटने से होने वाली बीमारियों के मरीजों के लिए बिस्तरों की संख्या बढ़ा दी है. साथ ही कहा कि कोविड-19 के मरीजों के लिए आरक्षित बिस्तरों में 10 फीसदी कमी की गयी है, ताकि डेंगू के मरीजों के लिए पर्याप्त बिस्तर उपलब्ध हों.
बता दें कि दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में कोरोना के लिए रिजर्व 700 बिस्तरों की संख्या 450 की गई है. यानी 250 बिस्तरों डेंगू के इलाज के लिए बढ़ाए गए हैं. राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में कोरोना के लिए आरक्षित 600 बिस्तरों की संख्या 350 की गई है. साफ है कि यहां भी 250 बिस्तरों डेंगू के इलाज के लिए बढ़ाए गए हैं. इसके अलावा दिल्ली के सभी प्राइवेट अस्पताल या नर्सिंग होम जिनकी क्षमता 100 बिस्तर या इससे ऊपर है. वह अपनी क्षमता के सिर्फ 10 प्रतिशत बिस्तर कोरोना के लिए आरक्षित रख सकते हैं.