दिल्ली सरकार ने केंद्र के इमरजेंसी कोविड रिस्पॉस पैकेज के लिए नहीं भेजा कोई प्रस्ताव
नई दिल्ली. दिल्ली सरकार ने केंद्र के इमरजेंसी कोविड रिस्पॉस पैकेज (ECRP-2) के लिए कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है. बता दें कि कोरोना की तीसरी लहर (Covid-19 3rd Wave) के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने ECRP-2 की शुरुआत की है. इसते तहत 23 हज़ार करोड़ का एक कोरोना फंड बनाया गया है. ये पैसे राज्य सरकारों को कोरोना से लड़ने के लिए दिए जाएंगे. इसके तहत राज्यों को केंद्र को ये बताना था कि उन्हें कोरोना के लिए कितने टेस्टिंग किट, नए लैब, ऑक्सिजन और आईयू बेट की जरूरत है. इसी के आधार पर उन्हें पैसे दिए जाने थे. लेकिन दिल्ली सरकार ने अपनी कोई जरूरत नहीं बताई.
दिल्ली को कोविड महामारी की दूसरी लहर में बिस्तरों और ऑक्सीजन की गंभीर कमी का सामना करना पड़ा था. ECRP-2 की घोषणा पिछले महीने संसद में की गई थी . इसके तहत कहा गया है कि केंद्र लागत का 60%, 14774 करोड़ रुपये, जबकि राज्यों को 40% हिस्सेदारी देनी होगी. राज्यों को केंद्रीय दिशानिर्देशों के अनुसार अपने प्रस्ताव भेजने के लिए कहा गया था. इसके तहत राज्यों को ये बताना था कि केंद्र से मिलने वाले पैसे वो किस तरह खर्च करना चाहते हैं. उन प्रस्तावों के आधार पर, केंद्र ने शुक्रवार को 14,774 करोड़ रुपये को मंजूरी दी और उस राशि का 50% सभी राज्यों को जारी कर दिया है.
राज्यों के विस्तृत प्रस्ताव को देखा है. इसके मुताबिक दिल्ली सरकार द्वारा किसी भी नए टेस्टिंग किट, लैब, बाल चिकित्सा बेड, आईसीयू बेड और लिक्विड ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक के लिए एक भी इकाई की अतिरिक्त आवश्यकता का हवाला नहीं दिया गया है. ये स्पष्ट नहीं है कि दिल्ली ने ईसीआरपी-2 के अपने 40% हिस्से से ऐसी वस्तुओं की खरीद का फैसला किया है या उसने पहले से ही पर्याप्त व्यवस्था की है. ईसीआरपी-2 के तहत 14774 करोड़ रुपये के कुल केंद्रीय हिस्से में से दिल्ली को 50.34 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है, जबकि पंजाब को 138 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है.
राज्यों ने बताई जरूरत
अधिकांश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने केंद्र को सरकार को अपनी जरूरत की जानकारी सरकार को दी है. जैसे उत्तर प्रदेश ने 7.4 करोड़ नई टेस्टिंग किट, 30 नए लैब, 1240 एम्बुलेंस लगभग 4700 बाल चिकित्सा आईसीयू / ऑक्सीजन बेड और 4000 आईसीयू बेड की मांग की है. उधर महाराष्ट्र ने 200 लिक्विड ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक मांगे हैं.
छोटे राज्यों से भी भारी डिमांड
यहां तक कि चंडीगढ़ जैसे छोटे केंद्र शासित प्रदेशों ने 1.5 लाख टेस्टिंग किट और लगभग 180 नए बिस्तरों की आवश्यकता का हवाला दिया है. जबकि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह ने 6 लाख नई परीक्षण किट, दो नई परीक्षण प्रयोगशालाओं और 75 बिस्तरों की आवश्यकता का हवाला दिया. कुल मिलाकर, सभी राज्यों ने मिलकर 34 करोड़ नई परीक्षण किट, लगभग 30,000 नए बाल चिकित्सा बिस्तर और 961 ऑक्सीजन भंडारण टैंक मांगे हैं.