श्रद्धा हत्याकांड: आफताब पूनावाला के खिलाफ दिल्ली कोर्ट की बड़ी कार्यवाही
दिल्ली की साकेत अदालत ने आरोपी आफताब अमीन पूनावाला के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 201 (साक्ष्य मिटाने) के तहत आरोप तय करने का निर्देश दिया है।आरोपी आफताब ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है और मामले में ट्रायल का दावा किया है। मामले को 1 जून के लिए सूचीबद्ध किया गया है जब अभियोजन पक्ष के साक्ष्य दर्ज किए जाएंगे। आफताब पर अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वॉकर की हत्या करने और उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े करने का आरोप है।
साकेत कोर्ट ने सभी दलीलें सुनने के बाद कहा कि दिल्ली पुलिस ने पर्याप्त सबूत पेश किए और प्रथम दृष्टया आफताब के खिलाफ हत्या (302) और साक्ष्य नष्ट करने का मामला बनता है। इससे पहले, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मनीषा खुराना कक्कड़ ने 29 अप्रैल को यह कहते हुए सुनवाई स्थगित कर दी थी कि संबंधित न्यायाधीश छुट्टी पर थे।
महिला के शव को अंतिम संस्कार के लिए परिवार को सौंपे जाने के संबंध में वाकर के पिता की अर्जी पर भी सुनवाई नौ मई के लिए स्थगित कर दी गई।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मनीषा खुराना कक्कड़ ने 15 अप्रैल को अभियोजन पक्ष के वकीलों के साथ-साथ आरोप तय करने पर अभियुक्तों की दलीलें सुनने के बाद 29 अप्रैल के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया था।
जांच एजेंसी ने 15 अप्रैल को वाकर के पिता की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा था।
दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) और 201 (अपराध के साक्ष्य को गायब करने) के तहत आरोपी को बुक किया और 24 जनवरी को 6,629 पन्नों की चार्जशीट दायर की।
18 मई, 2022 को आफताब पूनावाला ने श्रद्धा वाकर की कथित रूप से गला घोंटकर हत्या कर दी थी, जिसके बाद आरोपी ने उसके शरीर को कई टुकड़ों में कर दिया था और दिल्ली के महरौली में अपने आवास पर दो सप्ताह से अधिक समय तक फ्रिज में रखा। पकड़े जाने के जोखिम से बचने के लिए पूनावाला ने वाकर के शरीर के अंगों को राष्ट्रीय राजधानी में अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया। इस जघन्य हत्याकांड की खबर सामने आई तो लोगों के होश उड़ गए। अपराध के प्रकाश में आने के हफ्तों बाद भी मामले के नए विवरण सामने आते रहे।