दिल्ली:भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी में अरविंद केजरीवाल सरकार निशाने पर

दिल्ली प्रदेश भाजपा की कार्यकारिणी में अरविंद केजरीवाल सरकार निशाने पर रही। कोरोना से लड़ाई में अरविंद केजरीवाल सरकार को विफल करार दिया गया। कहा गया कि राजधानी में कृत्रिम आक्सीजन संकट पैदा किया गया, जिससे कई लोगों की जान चली गई। इस आपराधिक कृत्य के लिए मुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से इस्तीफे की मांग की गई। प्रदूषण की समस्या, जल संकट, परिवहन सहित अन्य समस्याओं को हल नहीं करने और नगर निगमों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया गया।

पार्टी अरविंद केजरीवाल सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ जनता के बीच जाएगी। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने एक प्रस्ताव पेश किया। विधायक अजय महावर और प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक गोयल देवराहा ने इसका अनुमोदन किया। इसमें कहा गया कि अरविंद केजरीवाल सरकार आने के बाद पिछले सात वर्ष 47 हजार 500 करोड़ रुपये स्वास्थ्य मद में आवंटित किए गए, लेकिन एक भी नया अस्पताल नहीं बना। मोहल्ला क्लीनिक बंद पड़े हुए हैं। अपने खर्च पर मरीजों का निजी अस्पताल में इलाज कराने का वादा पूरा नहीं हुआ। इसी तरह से शिक्षा पर 92 हजार करोड़ से भी ज्यादा खर्च करने के बावजूद कोई नया स्कूल कालेज नहीं खुला। सरकार की लापरवाही से दिल्ली विश्व का सबसे प्रदूषित शहर बन गया। केंद्र सरकार द्वारा वित्तीय सहायता मिलने के बावजूद इलेक्टि्रक बसें नहीं खरीदी जा रही है। वाहन चालकों से वसूले गए नौ सौ करोड़ से ज्यादा हरित शुल्क का इस्तेमाल नहीं हो रहा है।प्रस्ताव में कहा गया कि आप सरकार ने मुफ्त बिजली का वादा किया था, लेकिन यहां व्यावसायिक उपभोक्ताओं से 14 रुपये प्रति यूनिट व घरेलू उपभोक्ताओं से 8.90 प्रति यूनिट तक वसूला जा रहा है। यह देश में सबसे ज्यादा है। दिल्ली जल बोर्ड भी घाटे में है। 24 घंटे साफ पेयजल पहुंचाने में विफल सरकार घर-घर शराब पहुंचा रही है। शराब के निजी ठेके खोलने के प्रयास को भाजपा सफल नहीं होने देगी।

दिल्ली सरकार पर केंद्र सरकार द्वारा गरीबों को मिलने वाला मुफ्त राशन नहीं बांटने का आरोप लगाया गया। किसानों पर पराली जलाने के झूठे मुकदमे दर्ज कराने और 50-50 हजार रुपये जुर्माना वसूलने की ¨नदा की गई।

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