अब दिल्ली और तेलंगाना में भी एनआरसी की मांग, गरमाई राजनीति
असम में बांग्लादेश से आए लोगों की पहचान के लिए शनिवार को जारी NRC लिस्ट देश में एक नया ट्रेंड बनती दिखाई दे रही है। असम में ये लिस्ट जारी होने के बाद देश के कई राज्यों में इसकी मांग उठी है। बीजेपी के कई नेताओ ने हर राज्य में इसकी मांग की है। वहीँ विपक्ष नेता इसे भी आड़े हाथो ले रहे हैं। उन्होंने इसे सरकार पर उठ रहे सवालों से बचने का एक नया बहाना बताया है।
भाजपा दिल्ली के प्रमुख मनोज तिवारी(Manoj Tiwari) ने राष्ट्रीय राजधानी में भी एनआरसी लागू किए जाने की मांग करते हुए कहा कि दिल्ली में भी NRC तैयार करने की जरूरत है क्योंकि स्थिति खतरनाक होती जा रही है। अवैध अप्रवासी जो यहां बस गए हैं, वे सबसे खतरनाक हैं, हम यहां भी एनआरसी को लागू करेंगे। नेता मनोज तिवारी की तरह ही तेलंगाना(Telangana) में बीजेपी एमएलए राजा सिंह(Raja Singh) ने भी राज्य में NRC लिस्ट जारी करने की मांग की है। उन्होंने गृह मंत्रालय को अनुरोध कर लिखा है कि ‘भारतीय गृह मंत्रालय से मेरा निवेदन है कि NRC को तेलंगाना में भी फिर से जारी किया जाना चाहिए। हैदराबाद सांसद ने अपने वोट बैंक के लिए कई बांग्लादेशियों और रोइंग्याओं को आश्रय दिया था। तेलंगाना में इसे हैदराबाद से आज़ादी दिवस के तौर पर 17 सितंबर को जारी किया जाना चाहिए।’
शशि थरूर ने भी किया वार
बीजेपी नेताओं की मांग के ठीक उलट विपक्ष के नेता इसे गलत करार रहे हैं। एनआरसी की सूची जारी होने के बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर बैठक चल रही है। कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में हैं। इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और गौरव गोगोई भी शामिल हैं। इसके साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर(Shashi Tharoor) ने भी इस मुद्दे को लेकर वार किया है। बिना किसी का नाम लिए उन्होंने कहा ‘एक महान व्यक्ति रबिन्द्रनाथ टैगोर ने कहा था कि राष्ट्रवाद(nationalism) और विदेशी लोगों को न पसंद करने(Xenophobia) में अंतर होता है। वैसे विदेशियों से नफरत धीरे-धीरे अपने से अलग भारतीयों से नफरत में बदल सकती है।’
समानता के अधिकार का उल्लंघन
थरूर के अलावा हैदराबाद से एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी(Asaduddin Owaisi) ने भी बीजेपी नेताओं की पूरे देश में NRC की मांग पर अपना गुस्सा ज़ाहिर किया है। उन्होंने कहा, बीजेपी को सबक सीखकर हिंदू और मुस्लिम के आधार पर देशभर में एनआरसी की मांग को बंद कर देना चाहिए। उन्हें सीखना चाहिए कि असम में क्या हुआ। उन्होंने कहा, ये मेरा अपना संदेह है कि बीजेपी नागरिकता संशोधन बिल के जरिए ऐसा बिल ला सकती है, जिससे सभी गैर मुस्लिमों को नागरिकता दे सकती है, जो समानता के अधिकार का उल्लंघन होगा। ओवैसी ने कहा, असम के कई लोगों ने मुझे बताया कि माता-पिता के नाम लिस्ट में हैं जबकि बच्चों के नहीं हैं। उदाहरण के तौर पर मोहम्मद सनाउल्लाह ने सेना में काम किया। उनका मामला हाई कोर्ट में लंबित है। मुझे उम्मीद है कि उन्हें न्याय मिलेगा।’ उनके इस बयान पर चुटकी लेते हुए तेलंगाना में बीजेपी एमएलए राजा सिंह ने ट्वीट किया कि ‘असम तो झांकी है, हैदराबाद तो अभी बाकी है।’ उनके इस बयान पर काफी लोगों ने ट्वीट कर समर्थन किया है।