“दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जापानी समकक्ष मिनोरू किहारा का स्वागत किया: भारत-जापान 2+2 मंत्रिस्तरीय संवाद की शुरुआत”

यह स्वागत भारतीय और जापानी रक्षा प्रमुखों के बीच तीसरे भारत-जापान 2+2 मंत्रिस्तरीय संवाद के अवसर पर हुआ।

दिल्ली में, भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जापानी रक्षा मंत्री मिनोरू किहारा का गर्मजोशी से स्वागत किया। यह स्वागत भारतीय और जापानी रक्षा प्रमुखों के बीच तीसरे भारत-जापान 2+2 मंत्रिस्तरीय संवाद के अवसर पर हुआ। यह संवाद दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग और सामरिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

 

मिनोरू किहारा के दिल्ली आगमन पर राजनाथ सिंह ने उन्हें एयरपोर्ट पर औपचारिक स्वागत किया। दोनों मंत्रियों ने आपसी मित्रता और सहयोग के प्रतीक के रूप में एक-दूसरे से गर्म अभिवादन किया। राजनाथ सिंह ने किहारा को भारतीय संस्कृति और परंपराओं की झलक दिखाते हुए उनका स्वागत किया, जिससे यह यात्रा और भी खास हो गई।

3rd भारत-जापान 2+2 मंत्रिस्तरीय संवाद की यह बैठक दोनों देशों के सामरिक और रक्षा सहयोग को नया आयाम देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह संवाद भारत और जापान के बीच सुरक्षा, सामरिक, और आर्थिक सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने के लिए आयोजित किया गया है।

राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर कहा, “हम भारत और जापान के बीच मजबूत सुरक्षा और रक्षा सहयोग की दिशा में प्रतिबद्ध हैं। इस 2+2 संवाद के माध्यम से हम दोनों देशों के बीच सामरिक साझेदारी को और अधिक मजबूत करने का प्रयास करेंगे।”

मिनोरू किहारा ने भी भारत की मेज़बानी के लिए आभार व्यक्त किया और दोनों देशों के बीच सामरिक सहयोग को और बेहतर बनाने की दिशा में अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, “भारत और जापान के बीच संबंध हमारे साझा हितों और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। हम इस संवाद के दौरान सुरक्षा और सामरिक रणनीतियों पर खुलकर चर्चा करेंगे।”

यह बैठक दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के साथ-साथ साझा सुरक्षा चुनौतियों पर विचार करने का एक मंच प्रदान करेगी। इसमें दोनों देशों के रक्षा और विदेश मामलों के प्रमुख अधिकारी शामिल होंगे और महत्वपूर्ण सामरिक मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

दिल्ली में आयोजित यह संवाद भारत और जापान के बीच रणनीतिक साझेदारी को नया बल देने का एक अवसर है। यह संवाद न केवल दोनों देशों के सामरिक और रक्षा सहयोग को बढ़ावा देगा, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता में भी योगदान करेगा।

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