महंत नरेंद्र गिरि की मौत शक के दायरे में सुरक्षा ड्यूटी में तैनात 11 पुलिसकर्मी, गिर सकती है गाज

प्रयागराज. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil BHartiya Akhara Parishad) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की मौत के मामले में सीबीआई जांच (CBI Probe) की सिफारिश उत्तर प्रदेश सरकार ने कर दिया है. महंत नरेंद्र गिरि की मौत हत्या थी या आत्महत्या अब इसकी जांच सीबीआई करेगी. लेकिन महंत नरेंद्र गिरि की मौत के पीछे कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं, उसमें से एक यह है कि उन्हें सरकार की तरफ से वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी और उनके लिए 11 सुरक्षाकर्मी 24 घंटों तैनात रहते थे. ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि अगर महंत नरेंद्र गिरि ने फांसी लगाई तो वे उस वक्त कहां थे.

फ़िलहाल पुलिस ने उनकी सुरक्षा में लगे गनर अजय सिंह, मनीष शुक्ल समेत चार सुरक्षाकर्मियों से पूछताछ की है. बताया जा रहा है कि पुलिस अन्य सुरक्षाकर्मियों से भी पूछताछ कर सकती है. महंत नरेंद्र गिरि की वाई श्रेणी की सुरक्षा में तैनात सभी 11 पुलिसकर्मियों से पूछताछ होगी उनकी भूमिका की भी जांच होगी कि मौत के वक्त सभी पुलिसकर्मी कहां थे? बता दें कुछ पुलिसकर्मी एस्कॉर्ट में तैनात होते हैं जबकि कुछ मौके पर सुरक्षा में रहते हैं. कुछ की तैनाती आश्रम के अंदर रहती है. अब यह भी जांच की जा रही है कि घटना के वक्त पुलिसकर्मी कहां थे.

हो सकती है कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक भूमिका संदिग्ध होने पर सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर लापरवाही बरतने के आरोप पर कार्रवाई भी हो सकती है. बता दें आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार स्वामी आनंद गिरि ने भी उनकी सुरक्षा में तैनात गनर अजय सिंह और मनीष शुक्ल पर हत्या की साजिश का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि गुरूजी आत्महत्या नहीं कर सकते. उनकी हत्या कर उन्हें फंसाया जा रहा है. इस पूरी साजिश में गनर अजय सिंह और मनीष शुक्ल शामिल हो सकते हैं. उन्होंने कहा था कि महारज जी ने मनीष शुक्ल की शादी करवाई थी और पांच से सात करोड़ रुपये घर बनवाने के लिए भी दिया था.

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