इटावा में ससुर की मृत्यु के बाद सास बनकर वर्षो पेंशन लेने वाली बहू गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश की इटावा जिला पुलिस ने सहसो इलाके के सिंडौस गांव में सास बनकर पेंशन लेने वाली बहू को गिरफतार कर जेल भेज दिया ।
पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) ओमवीर सिंह ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह मामला बडा ही पेचीदा दिखा जब इस मामले की गहनता से जांच की गई तो एक के बाद एक करके पर्ते खुलती चल गई। उन्होंने बताया कि पुलिस की जांच में चौकाने वाले तथ्य सामने आया कि सिंडौस गांव निवासी पूर्व सेनिक गंगाराम सिंह रजावत की मौत के बाद सास बन करीब 16 सालो तक न केवल पेंशन ली बल्कि फंड आदि से हाथ भी साफ किया ।
उन्होंने बताया कि यह मामला शायद इस तरह से पुलिस के सामने खुल कर आता भी नहीं । इस तथ्य को समझने के लिए साल 2019 मे 17 नंवबर को इटावा जिले के सहसो इलाके के सिंडौस गांव के उस विवाद को समझाना पडेगा जिसमें अमोल सिंह और शिवकुमार सिंह के बीच हुए विवाद के बाद पुलिस ने मामले में आरोपी विघावती के खिलाफ विवेचक अवनीश कुमार ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया । इस आरोप पत्र के खिलाफ विधावती का पति अमोल सिंह ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल की गई । जिसमे अमोल सिंह ने विधावती के खिलाफ लगाये गये आरोप पत्र पर सवाल उठाते हुए तर्क दिया कि पुलिस ने जिस विधावती के खिलाफ आरोप पत्र लगाया है कि वो मेरी पत्नी नहीं बल्कि मेरी मां है। इस पर अदालत ने पुलिस को जमकर लताड लगाते हए निर्देश दिया कि इस तथ्य की सही से जांच की गई जांच के क्रम मे पुलिस ने अदालत मे पक्ष रखा कि विधावती तो जीवित है ऐसे में अदालत में कहा कि अगर विधावती जीवित है तो फिर उसको अदालत में पेश किया जाये। इसी आधार पर पुलिस महिला को कडी सुरक्षा मे अदालत ले गई जहाॅ पर सारी की सारी असलियत सामने आ गई । फिर अदालत के आदेश पर जब कार्यवाही शुरू हुई तो विधावती को जेल जाना पडा अन्य लोगो की तलाश शुरू हो गई । सिंह ने बताया कि सास बनकर दिवंगत फौजी गंगाराम सिंह रजावत की सालों से पेंशन ले रही उसकी बहू विद्यावती समेत छह लोगों के खिलाफ इटावा के सहसो थाना पुलिस ने धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार कर उन्हें प्रयोग करने व अमानत में खयानत की धारा में रिपोर्ट दर्ज की। इसके बाद बहू विद्यावती को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया । वहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया जब कि मामले में आरोपी अन्य लोगों की पुलिस तलाश कर रही है।
उन्होंने बताय कि सहसों क्षेत्र के सिंडोस गांव निवासी फौजी गंगाराम की पत्नी शकुंतला देवी उर्फ शांति बाई का काफी पहले निधन हो गया था। वर्ष 1985 में गंगाराम की भी मृत्यु हो गई थी। पुलिस के मुताबिक सास व ससुर की मृत्यु त के बाद विद्यावती ने वर्ष 2004 में फर्जी दस्तावेज तैयार कराए । इसके बाद वह दस्तवेजों में सास शकुंतला बन गई । उसने कुछ लोगों की मदद से फर्जी दस्तावेज के सहारे सास ने नाम पर ससुर की पेंशन लेना शुरू कर दी।
उसने 16 वर्षों तक गंगाराम की पत्नी बनकर करीब 15 लाख रुपये पेंशन के तौर पर लिए, जिन्हें धोखाधड़ी में शामिल साथियों के साथ आपस में बांट लिए।
विद्यावती के बैंक खाते व पेंशन के दस्तावेजों का मिलान करके आरोपी से सेना के धन की वसूली की करने की प्रकिया अपनाई जायेगी । विद्यावती ने भारतीय सेना से वर्ष 2004 से 2018 तक पेंशन ली है।

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