MP की विधायक ने बताया रिश्वत का गणित
MLA रामबाई बोलीं- आटे में नमक बराबर रिश्वत चलती है; सवा लाख के PM आवास पर हजार-पांच सौ लेना ठीक, 10 हजार लेना गलत
बयानों की वजह से अक्सर चर्चा में रहने वालीं मध्यप्रदेश के पथरिया से विधायक रामबाई एक बार फिर सुर्खियों में हैं। दरअसल, बसपा से विधायक चुनी गईं रामबाई से दमोह में लोगों ने रिश्वत लिए जाने की शिकायत की तो वे कार्रवाई करने के बजाय पंचायत के आरोपी कर्मचारियों को भ्रष्टाचार का गणित समझाने लगीं। कहा कि एक हजार रुपए तक की रिश्वत लेने में कोई बुराई नहीं है। आटे में नमक बराबर रिश्वत चलती है।
उन्होंने कहा कि हजार-पांच सौ की घूस लेना समझ में आता है, लेकिन 10 हजार लेना गलत है। हमें पता है कि सब कुछ ‘अंधेर नगरी चौपट राजा’ चल रहा है, लेकिन इतना भ्रष्टाचार ठीक नहीं।
ग्रामीणों ने की थी रिश्वत लेने की शिकायत
विधायक के पास कुछ दिन पहले सतऊआ गांव के लोग रोजगार सहायक और सचिव की शिकायत लेकर पहुंचे थे। आरोप था कि PM आवास के नाम पर दोनों हजारों रुपए वसूल रहे हैं। इसके बाद विधायक रविवार शाम सतऊआ पहुंचीं और जनचौपाल लगाई। इसमें रोजगार सहायक निरंजन तिवारी और सचिव नारायण चौबे को भी बुलाया गया।
ग्रामीणों ने विधायक के सामने ही सहायक और सचिव पर वसूली के आरोप लगाए। किसी ने 5 हजार, किसी ने 8 हजार से लेकर 10 हजार रुपए तक लेने की बात कही। शिकायत सुन विधायक ने कहा कि थोड़ा बहुत तो चलता है, लेकिन हजारों रुपए किसी गरीब से ले लेना गलत है। यदि एक हजार रुपए भी ले लेते तो कोई आपत्ति नहीं थी, लेकिन सवा लाख के घर में 5 से 10 हजार (रिश्वत) लेना बहुत गलत है।
‘तुम्हारे घर में 1 लाख का बाथरूम, गरीब इतने में बना रहे घर’
विधायक ने रोजगार सहायक से कहा कि यदि तुम्हारी बात की जाए तो तुम्हारे घर में 1 लाख रुपए का बाथरूम बना होगा और यहां गरीब सवा लाख में अपना पूरा घर बना रहे हैं। इसके बाद भी यदि आप उनसे 5 से 10 हजार लेंगे तो शर्म आनी चाहिए।
कहा- कुछ गलती ग्रामीणों की भी
बाद में विधायक ने कर्मचारियों की शिकायत नहीं ली। उनका कहना था कि कुछ गलती तो ग्रामीणों की भी है। उन्हें जानकारी नहीं होती और बस शिकायत करने लगते हैं। कर्मचारियों से पैसे लेने की बात सामने आई थी। ग्रामीणों के पैसे वापस करने के लिए रोजगार सहायक और सचिव से कह दिया है।