पूनावाला को नहीं भाया वैक्सीन की अलग-अलग खुराक वाला फॉर्मूला, जानें- क्यों बताया इसे गलत
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के चेयरपर्सन साइरस पूनावाला ने कहा कि दो कोविड-19 के टीकों की खुराक मिलाना “बहुत गलत” है। इससे विभिन्न वैक्सीन निर्माताओं के बीच एक दोषपूर्ण खेल शुरू हो जाएगा। आपको बता दें कि पुणे स्थित यह संस्थान मात्रा के हिसाब से टीकों का दुनिया का सबसे बड़ा निर्माता है।
पूनावाला का यह बयान भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) द्वारा भारत में कोवैक्सिन और कोविशील्ड टीकों के मिश्रण पर एक अध्ययन करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के कुछ दिनों बाद आया है। आपको बता दें कि इस अध्ययन में 300 लोग शामिल हैं। इसे क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर द्वारा अंजाम दिया जाएगा।
इस अध्ययन का उद्देश्य यह आकलन करना है कि क्या टीकाकरण के दौरान किसी व्यक्ति को दो अलग-अलग वैक्सीन शॉट दिए जा सकते हैं। यानी एक खुराक कोविशील्ड की और दूसरी कोवैक्सिन की।
द इकोनॉमिक टाइम्स ने साइरस पूनावाला के हवाले से कहा, “खुराक मिलाने की कोई जरूरत नहीं है।” उन्होंने कहा कि अगर कुछ गलत होता है, तो दोनों जैब्स के निर्माताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा, “अगर कुछ भी गलत होता है, तो सीरम कहेगा कि दूसरा टीका अच्छा नहीं है और वे (दूसरी वैक्सीन कंपनी) यह दावा करते हुए हमें दोष देंगे कि हमारे टीके में कोई समस्या थी। मुझे लगता है, टीकों को मिलाना बहुत गलत है।”
हाल ही में, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने भी वैक्सीन प्राप्त करने वालों के एक समूह पर एक अध्ययन किया था, जिन्हें इस साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश में गलती से अलग-अलग कोविड -19 टीकों की खुराक दी गई थी। आईसीएमआर ने अपने अध्ययन में कहा है कि कोवैक्सिन और कोविशील्ड की मिश्रित खुराक ने वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में बेहतर परिणाम दिखाए हैं। यह अध्ययन उत्तर प्रदेश में मई और जून के बीच किया गया था।