पश्चिम बंगाल में बुलबुल का कहर भूस्खलन, मौत, जनजीवन अस्त-व्यस्त
पश्चिम बंगाल के सागर आइलैंड और बांग्लादेश के खेपुपारा इलाके में चक्रवात का कहर बरपा है। शनिवार देर रात चक्रवाती तूफ़ान बुलबुल के चलते कई इलाको में भूस्खलन की खबर आई है। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, शनिवार रात ढाई बजे सुंदरबन नेशनल पार्क (बंगाल का दक्षिण 24 परगना जिला) से 12 किमी दक्षिण-पश्चिम की ओर बंगाल और बांग्लादेश के तटीय इलाकों में बुलबुल तूफान का दबाव दर्ज किया गया। फिलहाल दक्षिण परगना और कोलकाता में वर्षा थमी हुई है, लेकिन तेज हवाओं से खतरा बना हुआ है। इलाकों में 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं।
तूफानी चक्रवात बुलबुल के चलते आए भूस्खलन से सुंदरबन डेल्टा पर उत्तर-पूर्व में बांग्लादेश को नुकसान पहुंचा है। वहीँ तेज़ हवाओं की चपेट में आने से बंगाल के 3 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीँ ओडिशा में इस तूफ़ान की वजह से सैकड़ों पेड़ उखड़ गए हैं। सड़कों पर गिरे पेड़ों को हटाने के लिए एनडीआरएफ, ओडीआरएएफ और दमकल के कर्मचारी लगाए गए। ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में 1070 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। बालासोर और जगतसिंहपुर जिले में भी 1500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा गया। वहीं केंद्रपाड़ा जिले के राजकनिका पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत गजराजपुर गांव में एस्बेस्टस गिरने से 70 वर्षीय एक शख्स की मौत हो गई है। मृतक की पहचान गणेश्वर मलिक के रूप में हुई है।
गौरतलब है कि बंगाल में तूफान की वजह से 24 परगना उत्तरी, 24 परगना दक्षिणी, पूर्वी मिदनापुर, पश्चिमी मिदनापुर, हावड़ा, कोलकाता और झाड़ग्राम प्रभावित हो सकते हैं। सरकार ने इन सात जिलों के स्कूलों में अवकाश की घोषणा कर दी है। साथ ही निजी स्कूलों से भी ऐसा करने के लिए कहा गया है। लोगों को भी समुद्रीय क्षेत्रो पर जाने से मना किया गया है। वहीँ आपदा प्रतिक्रिया बल भी राहत और बचाव सामग्रियों के साथ परिस्थिति से निपटने के लिए सतर्क है। क्योंकि इन इलाकों के तटीय क्षेत्रों में अगले 12 घंटे तक गंभीर स्थिति बनी रह सकती है।