बुखार, सिर दर्द, ठंड, थकान….मलेरिया तो सुना ही होगा!
बारिश मतलब मच्छर, और मच्छर से कई जानलेवा बीमारियां हो सकती है। मलेरिया बारिश के मौसम में होने वाली एक आम बीमारी है। पर ज़रा सी लापरवाही से मलेरिया जीवनघातक बन सकता है। प्लासमोडियम मच्छर के संक्रमण से होने वाला मलेरिया बुखार हर साल भारत में हज़ारों लोगों की जान ले लेता है। ऐसे में उससे बचने के कुछ नुस्खे जीवन बचा सकते हैं। आइये जानते हैं कुछ ऐसे घरेलु उपचार जो आपको बचा सकता है मलेरिया से।
मलेरिया के लक्षण क्या हैं:
- तेज बुखार
- ठंड लगना
- सिर दर्द
- चक्कर आना और उल्टी होना
- शरीर में दर्द और थकान होना
- इसके अलावा कई बार कुछ लोगों में अन्य लक्षण भी देखने को मिलते हैं जैसे- पसीना निकलना, सीने और पेट में दर्द और खांसी आना आदि।
कैसे बचे मलेरिया से
- शाम के समय घर के खिड़की-दरवाजों को बंद रखें ताकि घर में मच्छर न घुस पाएं।
- शाम के समय छोटे बच्चों और बुजुर्गों को मच्छरदानी में रखें या घर में मच्छरों को भगाने का कोई इंतजाम करें।
- छोटे बच्चो के कमरे में धुंआ वाले मच्छररोधी चीजें जैसे- कॉइल, मशीन आदि का प्रयोग न करें। इसके बजाय छोटे बच्चों के लिए मच्छरदानी सबसे सुरक्षित विकल्प है।
- बुखार आने या शरीर में दर्द होने पर अपने से कोई दवा न लें, बल्कि डॉक्टर से सलाह लें।
- अगर दवा के बावजूद 2 दिन तक बुखार न उतरे, तो खून की जांच के लिए पूछें और मलेरिया की जांच करवाएं।
- घर के आसपास पानी न जमा होने दें और गीला कूड़ा रोजाना फेंके या ठिकाने लगाएं।
- हेल्दी और स्वस्थ चीजें खाएं, जिससे आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े ताकि वायरस और बैक्टीरिया के खतरे से बच सकें।
कैसे करे मलेरिया का इलाज
- अगर किसी छोटे बच्चे या वयस्क में मलेरिया बुखार के लक्षण दिखते हैं, तो जितनी जल्दी संभव हो सके डॉक्टर को दिखाकर जांच करवाएं।
- मलेरिया की पुष्टि होने पर डॉक्टर की दवाओं और सलाह का पूरी तरह पालन करें।
- मलेरिया का बुखार होने पर व्यक्ति को पूरी तरह आराम करना चाहिए। इससे शरीर में रोग से लड़ने की क्षमता पैदा होती है।
- छोटे बच्चे या बूढ़े को मलेरिया हो, तो रोजाना दिन में कई बार थर्मामीटर से बुखार चेक करते रहें। अगर बुखार पहले से बढ़ जाए, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
- मलेरिया के मरीज को खूब पानी पीना चाहिए। शरीर में पानी की कमी से इसके लक्षण हावी हो जाएंगे और रोग गंभीर हो सकता है।