केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की बड़ी पहल, करोड़ों लोगों ने किया श्रमदान।
दिल्ली:केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अखिल भारतीय स्वच्छता पखवाड़ा – स्वच्छता ही सेवा 2023 अभियान का वर्चुअल शुभारंभ किया।
यह अभियान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना ‘स्वच्छ भारत’ या स्वच्छ भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप शुरू किया गया है, जिनके स्वच्छता के आह्वान ने पूरे देश को इस नेक काम के लिए प्रेरित किया है। यह अभियान एक आभासी कार्यक्रम के माध्यम से केंद्रीय पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री, श्री गिरिराज सिंह और केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री, श्री हरदीप सिंह पुरी के साथ संयुक्त रूप से शुरू किया गया था।गतिविधियों का पखवाड़ा स्वच्छता के इर्द-गिर्द कार्रवाई को प्रेरित करेगा, ‘श्रमदान’ के माध्यम से नागरिक कार्रवाई को संगठित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा और ‘कचरा मुक्त भारत’ के निर्माण के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत करेगा जो अभियान का विषय है।
केंद्रीय मंत्रियों ने सरपंचों, ब्लॉक प्रमुखों, मेयरों, सीईओ-जेडपी, डीएम/डीसी और ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों के अन्य अधिकारियों के साथ एक संवाद की भी अध्यक्षता की। केंद्रीय मंत्री ने जमीनी स्तर पर एसएचएस गतिविधियों की निगरानी और दस्तावेजीकरण के लिए एक विशेष एसएचएस पोर्टल भी लॉन्च किया। पहली बार, गतिविधियों की संख्या और गतिविधियों में भाग लेने वाले लोगों की संख्या को ध्यान में रखते हुए, ‘श्रमदान’ के वास्तविक मानव घंटों की गणना पोर्टल पर की जाएगी। भारतीय स्वच्छता लीग का दूसरा संस्करण भी लॉन्च किया गया।
इस दौरान देश में करोड़ों लोगों ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की पहल पर श्रमदान किया । शेखावत ने अपने संबोधन में सभी से कचरे को स्रोत से अलग करने, पुराने कचरे को हटाने और स्वच्छता के बारे में जागरूकता बढ़ाने की दिशा में काम करने का आग्रह किया। श्री शेखावत ने कहा कि यह पखवाड़ा इस दिशा में और देश भर के विभिन्न क्षेत्रों से सर्वोत्तम स्वच्छता प्रथाओं की पहचान करने और उन्हें दोहराने का एक अवसर है। उन्होंने विरासती बर्बादी की मात्रा निर्धारित करने और उसका आकलन करने तथा लघु और दीर्घकालिक लक्ष्य निर्धारित करने पर जोर दिया, जिसे समयबद्ध और परिणामोन्मुखी तरीके से संबोधित किया जा सकता है। उन्होंने सभी से उन विभिन्न जल निकायों को पुनर्जीवित करने का संकल्प लेने का भी आग्रह किया जो विरासत में मिले कचरे के कारण बंद हो गए हैं।
और यह सुनिश्चित करें कि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में इन जल निकायों का पुनरुद्धार किया जाए। उन्होंने आगे कहा कि पखवाड़े के दौरान लक्षित और परिणामोन्मुखी गतिविधियाँ की जानी चाहिए और सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए कार्य आवंटन ठीक से किया जाना चाहिए।