सपा में उपचुनाव की सीट पर संकट: क्या होगा अगला कदम?
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समाजवादी पार्टी (सपा) में हाल ही में स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपना त्यागपत्र दे दिया है, जिसके बाद एक सीट रिक्त हो गई है। इस सीट पर अब उपचुनाव होना है, जिसके नामांकन की अंतिम तारीख दो जुलाई तक निर्धारित की गई है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने इस्तीफे के बाद से, सपा में उपचुनाव की सीट पर चुनौती का सामना कर रही है। इस सीट पर विधायकों की संख्या के हिसाब से भाजपा को माना जा रहा है कि उन्हें इस उपचुनाव में फायदा हो सकता है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने इस्तीफे में व्यक्त किया कि उनके विचारों के अनुसार उन्हें पार्टी की नीतियों और कार्यक्षमता में संतोष नहीं था। इससे पहले भी कई बार सपा में अंतर्निहित विवादों की बातें उठी थीं, जिससे पार्टी के अंदर का माहौल थोड़ा बेहाल हो गया था।
उपचुनाव की सीट पर भाजपा के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर है जिसे वे अपने लाभ के लिए उपयोग कर सकते हैं। विधायकों की संख्या के अनुसार, उन्हें यहां अच्छी स्थिति मिल सकती है और पार्टी के उपचुनावी प्रयासों में एक नई कड़ी जोड़ सकते हैं।
सपा के इस नए उपचुनाव से बाहर होने का निर्णय बिना तय नहीं है, लेकिन भाजपा इस अवसर का फायदा उठा सकती है और अपनी राजनीतिक स्थिति में सुधार कर सकती है।
मौर्य ने फरवरी में दिया था त्यागपत्र
स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा के साथ ही इस वर्ष 20 फरवरी को विधान परिषद की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया था। उनका कार्यकाल छह जुलाई, 2028 तक था। इस रिक्त सीट के उपचुनाव के लिए दो जुलाई तक नामांकन पत्र भरे जाएंगे।
मतदान 12 जुलाई को सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक होगा। इसके बाद शाम पांच बजे से मतगणना कराई जाएगी। चूंकि यह सीट विधानसभा कोटे की है। विधायकों की संख्या के हिसाब से इस सीट पर भाजपा की जीत तय है।
विधानसभा में विधायकों का हिसाब
इस समय विधानसभा में भाजपा के अकेले 249 विधायक हैं जबकि सपा के 103 हैं। भाजपा की सहयोगी अपना दल सोनेलाल के 13, रालोद के आठ, निषाद पार्टी के पांच व सुभासपा के छह सदस्य हैं। वहीं, सपा की सहयोगी कांग्रेस के मात्र दो विधायक हैं। ऐसे में भाजपा गठबंधन के कुल 281 सदस्य हैं जबकि सपा गठबंधन के 105 सदस्य हैं।
सूत्रों के अनुसार, वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए सपा ने इस उपचुनाव में अपना उम्मीदवार न उतारने का निर्णय लिया है। हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव करेंगे। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी कहते हैं इस बारे में राष्ट्रीय अध्यक्ष से बात कर एक-दो दिनों में निर्णय ले लिया जाएगा।