कोविड-19 से लड़ाई में मिलेगा दस डॉक्टरों का साथ, अब ट्रेनिंग शुरू
हमीरपुर। जनपद के कोविड-19 अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए भर्ती किए गए दस डॉक्टरों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण टीबी सभागार में शुरू हो गया। प्रशिक्षण के पहले दिन डॉक्टरों को कोरोना संक्रमित मरीज के इलाज और उसे लेकर बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
जनपद में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या इस वक्त एक हजार के आसपास पहुंच रही है, जबकि ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। संक्रमण पर लगाम लगाने को लेकर मेडिकल और पैरा मेडिकल स्टाफ की भर्ती हुई थी। इसके तहत दस डॉक्टरों की भर्ती हुई थी। हालांकि पैरा मेडिकल स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया पर अभी रोक लगी हुई है। भर्ती किए गए दस डॉक्टरों ने ज्वाइन भी कर लिया है। अब इन्हें कोरोना मरीजों के इलाज के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसके लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण टीबी सभागार में शुरू किया गया।
प्रशिक्षण के पहले दिन कल अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.रामअवतार ने बुधवार को कोरोना मरीजों के इलाज में बरती जाने वाली सावधानियों के विषय में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोविड सेंटर में भर्ती होने वाले मरीजों का उपचार करते समय खुद को भी बचाकर रखना चुनौती है। इसलिए लापरवाही और हड़बड़ाहट में कोई काम न करें। अपने सीनियर डॉक्टर से सीखते रहे। कोविड सेंटर में तीन तरह के टेस्ट ट्रूनेट, रैपिड एंटीजन और आरटीपीसीआर से पॉजिटिव मिलने वाले मरीजों को भर्ती किया जाता है। कुछ मरीज गंभीर हो सकते हैं, जिन्हें उच्च श्रेणी के हॉस्पिटल के लिए रेफर किया जाता है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.अनूप निगम ने बुधवार को बताया कि कोविड सेंटर में सभी मरीजों को ट्रिपल लेयर मास्क में रखें। एक बेड के बाद दूसरे बेड के बीच में एक मीटर की दूरी रखें। उन्होंने बताया कि मरीज के तीमारदार हेल्प डेस्क तक आ सकते है। वहीं से उनकी मरीज से वार्ता उचित दूरी के साथ कराई जा सकती है। सुबह दस बजे से दिन के एक बजे तक ही तीमारदार मरीज से मिल सकता है। इसी समय में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर फोन से मरीज के परिजनों को उसके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देंगे। यही शासन की गाइडलाइन है। डॉ.निगम ने बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मल स्क्रीनिंग, पीपीई किट, ऑक्सीजन लगाने आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रशिक्षण में जिला महिला अस्पताल के नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.आशुतोष निरंजन ने भी जानकारी दी।