गैंगस्टर एक्ट में आया कोर्ट का फैसला, 1 लाख मुचलके पर मुख़्तार अंसारी के रिहा करने का आदेश
चुनावी माहौल के दौरान मुख़्तार अंसारी के लिए राहत की खबर, कोर्ट ने रिहा करने का दिया आदेश
लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव के बीच बांदा जेल में बंद मऊ सदर विधायक बाहुबली मुख्तार अंसारी के लिए राहत भरी खबर सामने आई है. बुधवार को मऊ में गैंगेस्टर एक्ट के मामले में विशेष न्यायाधीश एमपी/ एमएलए दिनेश कुमार चौरसिया की अदालत ने मुख्तार अंसारी को एक लाख के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया है.
हालांकि इस आदेश के बाद भी मुख्तार को अन्य गंभीर मामलों वजह से जेल में ही रहना होगा. दक्षिणटोला थाना क्षेत्र के गैंगेस्टर एक्ट के मामले में मुख्तार अंसारी की पेशी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई. मुख्तार को गैंगस्टर एक्ट के मामले मे रिहा करने की अर्जी पर विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए दिनेश कुमार चौरसिया ने जेल अधीक्षक बांदा से आख्या तलब किया था. जिस पर जेल अधीक्षक ने अपनी आख्या कोर्ट में भेजकर अवगत कराया कि मुख्तार अंसारी अपराध संख्या 891 सन 2010 एसटी नंबर 2/12 मे दिनांक नौ सितंबर 2011 से अब तक न्यायिक अभिरक्षा में है.
रिहाई संबंधित निर्देश भेजा गया बांदा जेल
मुख्तार अंसारी के प्रार्थना पत्र पर उनके अधिवक्ता दारोगा सिंह और अभियोजन पक्ष को सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश एमपी/ एमएलए ने मुख्तार अंसारी को रिहा करने की अर्जी को स्वीकार कर लिया. मुख्तार अंसारी को 1 लाख रुपये के निजी मुचलका दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश दिया. इसके साथ ही रिहाई संबंधित निर्देश अभिलंब बांदा जेल भेजे जाने का आदेश दिया है.
11 साल से जेल में मुख्तार अंसारी
गैंगस्टर एक्ट के मामले मे बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की ओर से कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया था. प्रार्थना पत्र में उल्लेख किया था कि दक्षिणटोला थाना क्षेत्र के गैंगस्टर एक्ट के मामले में वह 9 सितंबर 2011 से लगातार न्यायिक अभिरक्षा में है. उक्त मामले में अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है. उससे ज्यादा समय से उक्त मामले में वह जेल में बंद है. कहा गया था कि उपरोक्त मामले में उसकी निरूद्धी अब वैधानिक नहीं है.
अब्बास अंसारी लड़ेंगे पिता की सीट से चुनाव
इस बार मऊ की सदर सीट से मुख्तार अंसारी नहीं, बल्कि उनके बेटे अब्बास अंसारी चुनावी मैदान में उतरा है. अब्बास अंसारी ने सोमवार को ही मऊ सदर सीट से सपा- सुभासपा प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया है. इसी के साथ मुख्तार अंसारी के चुनाव लड़ने के सभी कयासों पर विराम लग चुका है.