कोर्ट का हुक्म था फिर भी हिंदू लड़की ने कुरान बांटने से कर दिया मना!

झारखंड की राजधानी रांची की निचली अदालत ने अजीबों गरीब फैसला देकर लोगों को हैरत में डाल दिया है | जिसमें हिन्दू लड़की से मुस्लिम धर्म के पवित्र ग्रन्थ बांटने का फैसला सुना दिया है। जो भी इस फैसले को सुन रहा है वह आश्चर्य कर रहा है कि एक हिन्दू लड़की कैसे कुरान बांटेंगी। यहीं नहीं जिस लड़की ऋचा भारती के विरूद्ध यह फैसला दिया गया है उसने भी इस फैसले के विरूद्ध झारखंड हाईकोर्ट में अपील करने की बात कही है।

सोशल साइट पर मुस्लिम धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में पांच कुरान बांटने की शर्त पर जमानत पर बाहर आई ऋचा भारती ने निचली अदालत के आदेश को मानने से इन्कार कर दिया है। ऋचा ने कहा है कि मैं कुरान बांटने नहीं जा रही हूं। हमारा परिवार निचली अदालत के इस आदेश से खुश नहीं हैं। हम इस पर विचार कर रहे है। हम ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। ऋचा ने कहा कि नहीं, मैं कोर्ट का आदेश नहीं मानने जा रही हूं।आज मुझे कुरान बांटने के लिए बोल रहे हैं, कल बोलेंगे इस्लाम स्वीकार कर लो, नमाज पढ़ लो, कुछ और कर लो। यह कहां तक जायज है?

सोशल साइट पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर 12 जुलाई को सदर अंजुमन कमेटी, पिठोरिया द्वारा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। शिकायतकर्ता की ओर से कहा गया कि पिछले तीन दिनों से ऋचा फेसबुक साइट पर धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर रही है। इसे प्रचारित कर रही है। इससे क्षेत्र में कभी भी धार्मिक भावना भड़क सकती है। प्राथमिकी दर्ज होने के तीन घंटे के भीतर ऋचा भारती को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं, जेल भेजे जाने के बाद लगातार हिंदू संगठनों द्वारा धरना-प्रदर्शन किया जा रहा था। लोगों ने पिठोरिया बंद भी बुलाया था।

दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की अदालत में इस पर सुनवाई हुई

न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की अदालत में इस पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने उसे अनोखी सजा सुनाते हुए सशर्त जमानत दी। जज ने कहा, आरोपित को 15 दिनों के अंदर पांच कुरान बांटना होगा। अगर इसकी अवहेलना की गई तो जमानत रद हो सकती है। सात हजार के दो निजी बांड जमा करने के बाद कल ही ऋचा जेल से बाहर आ गई।

न्यायालय के आदेश के अनुसार, कुरान की एक प्रति शिकायतकर्ता सदर अंजुमन कमेटी, पिठोरिया एवं अन्य चार प्रति रांची के सरकारी विश्वविद्यालय या कॉलेज या स्कूलों में बांटनी होगी। कुरान की प्रति बांटने के दौरान रांची पुलिस को उचित सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया गया। साथ ही, कहा गया है कि दो में एक जमानतदार आरोपित के करीबी रिश्तेदार बनें।

कोर्ट के इस फैसले का हिंदूवादी संगठनों ने किया विरोध

ऋचा की गिरफ्तारी का हिंदूवादी संगठनों ने विरोध किया था। संगठनों की ओर से मेन रोड में जुलूस निकाला गया था और रिचा की तत्काल रिहाई व पिठोरिया थाना प्रभारी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गई थी। बड़ी संख्या में सदस्यों ने अल्बर्ट एक्का चौक पर धरना दिया था। हनुमान चालीसा का पाठ किया था। संगठनों का कहना था कि पुलिस ने खास पक्ष के दबाव में यह सब किया। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि रिचा को जमानत देने के मामले में कोर्ट का फैसला स्तब्ध कर देने वाला है। उन्होंने यह भी कहा है कि हालांकि, मैंने फैसला नहीं देखा है, पर मीडिया में जो खबरें आ रही हैं, उसके आधार पर यह कहा जा सकता है कि अदालत का ऐसा फैसला पहले कभी न देखा है और न ही सुना है।

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