देश का पहला धार्मिक एक्सप्रेसवे! गोवा की सैर और 3 शक्तिपीठों के दर्शन, 21 घंटे की जगह अब सिर्फ 8 घंटे में
नागपुर-गोवा एक्सप्रेसवे को "शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे" कहा जा रहा है क्योंकि यह रास्ता आपको तीन प्रमुख शक्तिपीठों के दर्शन कराएगा। इस छह लेन के एक्सप्रेसवे को 2028-29 तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।
गोवा घूमने की इच्छा हर भारतीय के दिल में होती है। इस सफर को आसान और आकर्षक बनाने के लिए महाराष्ट्र स्टेट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने एक बड़ा योजना तैयार किया है। नागपुर से गोवा तक सड़क मार्ग से यात्रा को सुगम बनाने के लिए 802 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। इस परियोजना का नाम नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे (Nagpur-Goa Shaktipeeth Expressway) रखा गया है। जमीन अधिग्रहण का काम लगभग पूरा हो चुका है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है।
नागपुर-गोवा एक्सप्रेसवे को “शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे” कहा जा रहा है क्योंकि यह रास्ता आपको तीन प्रमुख शक्तिपीठों के दर्शन कराएगा। इस छह लेन के एक्सप्रेसवे को 2028-29 तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना की घोषणा सितंबर 2022 में की गई थी और मार्च 2023 में इसे मंजूरी मिल गई थी। अब तक भूमि अधिग्रहण का काम चल रहा है और परियोजना की कुल लागत लगभग 83,600 करोड़ रुपये आंकी गई है।
सफर में बचेगा समय
नागपुर-गोवा एक्सप्रेसवे के तैयार होने के बाद सबसे बड़ा लाभ यात्रा में लगने वाले समय की बचत होगा। वर्तमान में, दोनों शहरों के बीच यात्रा करने के लिए मुंबई और पुणे जैसे भीड़भाड़ वाले शहरों को पार करना पड़ता है, जिससे यह यात्रा 21 घंटे से अधिक समय लेती है। एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद यह दूरी केवल 8 घंटे में तय की जा सकेगी, जिससे यात्रा का समय 13 घंटे तक कम हो जाएगा।
धार्मिक और पर्यटक स्थल
नागपुर-गोवा एक्सप्रेसवे विशेष रूप से गोवा यात्रा के लिए बनाया जा रहा है, लेकिन इसे तीन प्रमुख शक्तिपीठों से जोड़कर धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। यह मार्ग महालक्ष्मी शक्तिपीठ, तुलजा भवानी देवी और वर्धा जिले के पत्रादेवी शक्तिपीठ को जोड़ता है। महालक्ष्मी शक्तिपीठ को स्कंद पुराण के अनुसार 18 महाशक्तिपीठों में शामिल किया गया है, वहीं तुलजा भवानी देवी स्थल पर भगवती के बाएं शरीर का हिस्सा गिरा था।
आर्थिक और औद्योगिक लाभ
एक्सप्रेसवे न केवल धार्मिक और पर्यटक स्थल को जोड़ता है, बल्कि इससे रियल एस्टेट और औद्योगिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। एक्सप्रेसवे के आसपास की जमीनों की कीमतों में वृद्धि होने के साथ ही यहां औद्योगिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी। इसके अलावा, नागपुर और गोवा जैसे शहरों के जुड़ने से आयात और निर्यात को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
इस प्रकार, नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा को सुगम बनाएगा, बल्कि धार्मिक पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को भी नया आयाम देगा।