ज़मीन पर नही, कागज़ पर लगे पेड़, दमोह में अजब हुआ कारनामा
राजस्व की भूमि मिलने पर वन विभाग द्वारा हर वर्ष पौधारोपण कर नर्सरी तैयार करवाई जाती है और अगले साल कैजूअल्टी के तौर पर बीस प्रतिशत पौधों का रोपण पुन: करवाया जाता है। लेकिन दमोह जिले के करकोई प्लांटेशन में वन विभाग के अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। मामले के अनुसार दमोह जिले की रिपोर्ट्स जितने पौधों का पौधरोपण किया ही नहीं गया है।
कागजों के अनुसार वर्ष 2017-18 में झारखण्ड के दमोह जिले की दहा बीट के करकोई प्लांटेशन में साढे 37 हजार पौधों का रोपण किया गया। लेकिन भोपाल से आई टीम द्वारा नर्सरी का निरीक्षण करने पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। भोपाल से PCCF ए बी गुप्ता इस प्लांटेशन का मुआयना करने आए तो उन्हें सिर्फ कुछ ही पौधे नजर आए जो अभी वर्तमान में कैजूअल्टी के तौर पर लगवाए गए थे। उन्होंने एक जांच टीम गठित की और इस पूरे गोलमाल की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
प्लांटेशन में पौधे लगवाने का काम शुरू
भोपाल टीम के रवाना होने के बाद ही अधिकारियों ने इस प्लांटेशन में पौधे लगवाने का काम शुरू कर दिया। बीते वर्षों के भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए फिलहाल कई मजदूर लगातार पौधों का रोपण कर रहे हैं। प्लांटेशन में अभी भी करीब 2,000 से अधिक पौधे रखे हुए हैं जो यहां लगाए जाना है। अधिकारियों ने इस पौधरोपण को मात्र कैजूअल्टी बताया है।
विजय श्रीवास्तव की रिपोर्ट