राज्यों को 42.15 करोड़ से अधिक वैक्सीन दी गयी: केंद्र सरकार
देश में कोरोना के मामले आये दिन घट बढ़ रहेहैं. सरकार का पूरा जोर ज्यादा से ज्यादा टीकाकरण करने पर है. इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीकाकरण से जुड़े आंकड़े पेश किये. कोरोना वायरस को रोकने के लिए देशभर में टीकाकरण अभियान जोर शोर से चल रहा है. कुछ राज्यों में वैक्सीन की कमी के कारण अभियान पर असर पड़ रहा है. तो वहीं स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि सभी स्रोतों के जरिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अब तक 42.15 करोड़ (42,15,43,730) से अधिक वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है।
राज्यों को 42.15 करोड़ से अधिक वैक्सीन दी गयी:
केंद्र ने कहा है कि राज्यों और निजी अस्पतालों के पास कोरोना की 3.20 कोरोड़ (3,20,01,490) शेष और अप्रयुक्त वैक्सीन उपलब्ध हैं। आज सुबह 8 बजे के आंकड़ों के अनुसार, उपलब्ध कराए गए टीकों में से अपव्यय सहित कुल खपत 40,59,77,410 खुराक हैं।
राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में टीकों की उपलब्धता से टीकाकरण अभियान तेज हो गया है। राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत केंद्र सरकार- राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को मुफ्त में कोरोना के टीके दी रही है। केंद्र सरकार कोरोना वैक्सीन कंपनियों द्वारा बनाए जा रहे टीकों का 75 प्रतिशत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को खरीद और आपूर्ति मुफ्त में करेगी।
दिल्ली के पास कोरोना टीके की एक दिन की डोज बची:
दिल्ली सरकार ने मंगलवार को बताया था कि दिल्ली के पास कोरोना टीके की एक दिन की डोज बची हैं। दिल्ली के पास कल तक यानी बुधवार तक के टीके की डोज है। तो वहीं मध्य प्रदेश में भी टीके ना होने से दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक की बेंच ने केंद्र सरकार से मध्य प्रदेश को अवश्यकता के अनुसार टीके देने के लिए कहा है।
मध्य प्रदेश में कोरोना के 40 लाख टीकों की जरूरत हर सप्ताह पड़ती है। तो वहीं, देशभर से कोरोना के नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग की गई, जांच में पता चला कि कोरोना वायरस का डेल्टा वैरियेंट (B1617.2) कोरोना लहर का मुख्य कारण है। कोरोना से बचने के लिए सभी को कोविड-19 के दोनों टीके लगवाने जरूरी हैं।