गोरखपुर कोरोना मरीजों-रिश्तेदारों की जुबानी उनकी कहानी, बेहतर इंतजाम की उम्मीद बेमानी
वैश्विक महामारी कोरोना के बीच खुद की सुरक्षा में भी भलाई है. कोरोना पॉजिटिव मरीजों और उनके रिश्तेदारों की जुबानी आप खुद ही उनकी कहानी सुनिए. स्वास्थ्य महकमा और प्रशासन जिस तरह से सुविधाओं के दावे करते हैं, वो कितने सही और कितने खोखले हैं, ये जग जाहिर है. सीएम सिटी का भी हाल-बेहाल है. यही वजह है कि जांच की प्रक्रिया से लेकर इलाज तक में मरीजों और उनके रिश्तेदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में कोरोन पॉजिटिव मरीज और उनके रिश्तेदार भी ये कह रहे हैं कि खुद की सुरक्षा में ही भलाई है.
गोरखपुर के गोरखनाथ इलाके के रहने वाले एक मरीज (नाम नहीं छापने की शर्त पर) ने खुद अपना वीडियो गोरखपुर के वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कालेज में बनाए गए कोविड-19 अस्पताल से भेजा है. यहां पर 250 बेड का क्वारेंटाइन सेंटर कुछ दिन ही पहले मरीजों की हर रोज शतक और अर्धशतक पार कर रही संख्या और दबाव को देखते हुए बनाया गया है. वे कहते हैं कि कोरोना से बचाव के लिए काढ़ा पीजिए. जैसा कि पहले गांव में होता रहा है.
कोरोना मरीज ने बताया कि हल्का बुखार और बदन में अकड़न के बाद उन्हें कोरोना जांच में पॉजिटिव पाया गया. उसके बाद से वे पांच दिन से यहां पर हैं. सरकारी सुविधाओं के बारे में सभी को पता है. वे कहते हैं कि आप ये सोचिए कि बेहतर सुविधा मिल जाएगी, तो ऐसा नहीं है. यहां पर एक कमरे में लाकर रख दिया जाएगा. वे खुद अपील भी कर रहे हैं कि अपनी और दूसरे लोगों की सुरक्षा करें.
कोरोना संदिग्ध मरीज के रिश्तेदार रशाद बताते हैं कि मरीजों को जांच से लेकर कोरोना पॉजिटिव होने तक कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि प्राइवेट से लेकर सरकारी अस्पतालों में हालात बद से बदतर हैं. क्या करें और कहां जाएं, कुछ समझ में नहीं आ रहा है. जो सरकारी चिकित्सक इलाज करता है. वो भी पॉजिटिव हो जाए, तो तमाम तरह की प्रक्रियाओं से उसे गुजरना होता है. वे खुद इस हालात से गुजरने के कारण इन समस्याओं को झेल चुके हैं.
कुछ ही दिन पहले गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज के कोविड-19 अस्पताल के वार्ड में भरे बरसात के पानी ने सवाल खड़े किए. तो वहीं उसके बाद 16-17 जुलाई का रेलवे के कोविड-19 अस्पताल के वार्ड में कोरोना मरीजों के बेड पर छत से टपकता पानी भी सवाल खड़े करता है. हालांकि पूवोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह खुद स्वीकार करते हैं कि कोविड-19 वार्ड में छत से पानी टपकने की शिकायत मिली थी. उसे दुरुस्त करा दिया गया है. अब आप खुद ही सोचिए कि अधिकारी खुद हकीकत बयां कर रहे हैं. तो फिर तस्वीर साफ है.
गोरखपुर जिला चिकित्सालय के प्रमुख अधीक्षक डा. एसके श्रीवास्तव ने बताया कि जिला चिकित्सालय नॉन कोविड अस्पताल है. यहां कोरोना मरीजों की जांच के लिए बेहतर सुविधाओं के साथ दो कोविड हेल्प डेस्क भी स्थापित किया गया है. वे कहते हैं कि इंतजाम काफी होने के बावजूद भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बाद अब पूर्वी यूपी में भी कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या और किसी बीमारी से ग्रसित मरीज के कोराना पॉजिटिव होने पर उसके ज्यादा इफेक्टिव होने और डेथ तक हो जाने के कारण स्थिति गंभीर हो गई है. ऐसे में सावधानी रखने में ही भलाई है.