कोरोना का ‘डेल्टा प्लस’ रूप दे रहा टेंशन, सरकार ने भी माना, राज्यों को एडवाइजरी

नई दिल्ली भारत में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर चिंता बढ़ गई है। कोरोना के इस वैरिएंट को वैरिएंट ऑफ कंसर्न (यानी चिंता का सबब) की श्रेणी में शामिल किया गया है। अब तक 22 मामले सामने आए हैं जिसमें 16 महाराष्ट्र में हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री ने इसे लेकर राज्यों को अडवाइजरी भी जारी की है। विशेषज्ञों को इस बात का भी डर है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट कोरोना की तीसरी लहर आने की वजह बन सकता है।

भारत सहित 80 देशों में डेल्टा प्लस
हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक कोरोना का डेल्टा वैरिएंट इस वक्त भारत सहित दुनिया के 80 देशों में है। डेल्टा वैरिएंट को वैरिएंट ऑफ कंसर्न यानी चिंता का सबब माना गया है। वायरस का कोई वैरिएंट कितनी तेजी से फैलता है और कितना घातक होता है उस हिसाब से उसे अलग अलग श्रेणी में रखते हैं। कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट भारत के अलावा अभी 9 देशों में है जिसमें अमेरिका, यूके, पुर्तगाल, स्विजरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन, रूस शामिल है।

हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक भारत में डेल्टा प्लस वैरिएंट के 22 मामले सामने आए हैं जिसमें 16 महाराष्ट्र के जलगांव और रत्नागिरी में हैं। बाकी मामले केरल और मध्य प्रदेश में हैं। मिनिस्ट्री के अनुसार, डेल्टा प्लस वैरिएंट को वैरिएंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में रखा गया है। हेल्थ मिनिस्ट्री ने कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर महाराष्ट्र, केरल और मध्यप्रदेश को अडवाइजरी भी जारी की है। हेल्थ मिनिस्ट्री के सेक्रेटरी ने कहा कि अभी यह वैरिएंट का मसला भले छोटा लग रहा है लेकिन हम नहीं चाहते कि यह बड़ा रूप ले। इसलिए पूरी सतर्कता बरती जा रही है।

हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक, कोरोना का कोई भी वैरिएंट हो उससे फैलने से रोकने और बचाव का तरीका एक ही है। जैसे कोई भी वैरिएंट मास्क में नहीं घुस सकता। हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों ही वैक्सीन डेल्टा वेरियंट के खिलाफ प्रभावी हैं।

हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा कि कोरोना का कोई भी वैरिएंट हो उसे फैलने से रोकने और बचाव का तरीका एक ही है। जैसे कोई भी वैरिएंट मास्क में नहीं घुस सकता। हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों ही वैक्सीन डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी हैं।

 

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