गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए काल बना कोरोना
धमतरी। अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए कोरोना जानलेवा बनता जा रहा है। जिले में अब तक हुए 34 मौतों में से अधिकांश ऐसे लोग है, जो दूसरे बीमारियों से जिंदगी की जंग लड़ रहे थे, लेकिन कोरोना की चपेट में आने से वे हार गए।
कंटेनमेंट के दौरान रोजाना हो रही दो से तीन मौत से जिलेवासी विचलित होते जा रहे हैं पर मौत के जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, उसकी स्थिति कुछ अलग है।
कोरोना ज्यादातर उन लोगों को मौत दे रहा है, जो पहले से अन्य बीमारियों से ग्रसित है। अब तक जिले में 34 लोगों की मौत कोरोना से हो चुकी है, इनमें अधिकांश धमतरी शहर के है। अधिकांश लोग उम्र दराज तो है ही कुछ गंभीर बीमारियों से पीड़ित भी थे। इनमें किडनी, हार्ट, लीवर, पैरालीसिस आदि से पीड़ितों की संख्या अधिक है। शनिवार को ही जिले के तीन संक्रमितों के मौत की खबर आई। इनमें दो हार्ट के मरीज और एक किडनी पीड़ित थे। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें, तो ऐसे लोगों की जल्दी तबीयत बिगड़ रही है, जो पहले से ही कुछ अन्य बीमारियों से पीड़ित है। वे ऐसे समय में दोहरे संक्रमण को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। यही मौत की वजह बन रही है। जब कोरोना केस आने शुरू हुए थे, तब समीपवर्ती बालोद और कांकेर जिले में ज्यादा पॉजिटिव सामने आ रहे थे, पर वर्तमान में धमतरी भी पीछे नहीं है।
शहर के अलावा दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों से भी लोग कोरोना पॉजिटिव हो रहे हैं। अब तक कोरोना से हुई मौत पर गौर करें, तो धमतरी शहर से सर्वाधिक 23 लोगों की जान जा चुकी है। इसके अलावा गुजरा से दो, कुरूद ब्लाक से छह एवं नगरी विकासखंड से तीन लोगों की मौत हो चुकी है। धमतरी जिले में वैसे तो कोरोना से मौत की शुरूआत जुलाई माह से शुरू हुई और सितंबर माह से संख्या बढ़ती जा रही है। अब तो रोजाना जिले से किसी न किसी की मौत हो रही है, इसे लेकर ही जिलेवासी भयाक्रांत है। हालात को देखते हुए धमतरी शहर के अलावा कुरूद, नगरी एवं मगरलोड नगर क्षेत्र के व्यापारियों ने स्वस्फूर्त लॉकडाउन के लिए एकजुटता दिखाई और पिछले पांच दिनों से लोग घरों के भीतर है। यहां तक की किराना, सब्जी दुकानें भी इस दौरान बंद करा दी गई है। इसके बावजूद शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों से प्रतिदिन 100 से अधिक कोरोना संक्रमित सामने आ रहे हैं।
इस संबंध में सीएमएचओ डॉ डीके तुर्रे ने कहा कि कोरोना से ज्यादातर मौत ऐसे लोगों की हो रही है, जो पहले से ही अन्य बीमारियों से पीड़ित है या फिर अधिक उम्र के है। ऐसे लोगों की प्रतिरोधात्मक क्षमता कम हो जाती है। कोरोना संक्रमण के कारण दोहरा आघात को अधिकांश लोग बर्दाश्त नहीं कर पाते, यही वजह है कि मौत हो जाती है।