छत्तीसगढ़ में नक्सलियों तक पहुंचा कोरोना संक्रमण, खौफ में जंगल छोड़कर भाग रहा कैडर
नई दिल्ली. कोरोना वायरस से देश के आम लोगों के अलावा जंगलों को अपना ठिकाना बनाने वाले नक्सली भी अब इससे संक्रमित हो रहे है. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के जंगलों में सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों के हाथ लगी एक नक्सल कैडर (Naxal Cadre) की चिट्ठी से इस बात का खुलासा हुआ है. कोरोना महामारी (Corona Pandemic) से नक्सली खौफ में हैं, वो जंगल छोड़कर गांवों की ओर भाग रहे हैं. हाल-फिलहाल कई नक्सलियों (Naxals) के कोरोना से संक्रमित होने और कइयों की इससे मौत की खबर आई है. इसके अलावा, कई टॉप नक्सल कमांडरों के भी कोरोना से संक्रमित (Corona Virus) होने की बात कही जा रही है.
नक्सल कैडर द्वारा लिखी इस चिट्ठी में महिला नक्सल कमांडर जिसे वो कॉमरेड दीदी कहकर संबोधित कर रहा है, ने लिखा है- दो दिन पहले J दादा से बात हुई. दादा ने बताया था कि दक्षिण बस्तर, दरभा और पश्चिम बस्तर डिविजन में हमारे कई साथी बीमारी (संक्रमण) से लड़ रहे हैं. अचानक दक्षिण बस्तर के रुपी, दरभा डिविजन के चेतना नाट्य मंडली (CNM) कमांडर हूंगा, बटालियन से देवे, गंगा, सूदरु, मुन्नी और रीना की मौत हो गई बता रहे थे. डिविजनल कमांडर राजेश दादा, सुरेश और मनोज की स्थिति बहुत गंभीर बता रहे थे. दादा बता रहे थे कि सभी बीमार लोगों का इलाज आपके लोकेशन पर की जायेगी.
कोरोना वायरस के खौफ के चलते गांवों का रूख कर रहे हैं नक्सली
पत्र में लिखा है कि जितना सुना है यह बीमारी बहुत जल्दी फैलती है, और ज्यादा उम्र वाले लोगों को दिक्कत होती है. आप अपने आप को सुरक्षित रखकर काम करें. अपने को कामरेड विस नाम बताने वाला यह नक्सली चिट्ठी में आगे कोरोना की वजह से अलग-अलग इलाकों से नक्सलियों के भागने का जिक्र कर रहा है. दादा बता रहे थे कि बीमारी के डर से सेक्शन कमांडर बुधराम और विमला भाग गए हैं. CRC कंपनी से भी दो लोग भाग गए हैं. गंगालूर एरिया कमेटी के सारे लोग बीमार होने की वजह से प्लाटून से रितेश और जोगा भाग गए. दरभा डिविजन से भीनागेश, सुमित्रा, अनिता ने पार्टी छोड़ दिया है. कोंटा प्लाटून से रूपेश भी अचानक भाग गया. यह बीमारी गांव की जनता में लहर के जैसा फैलता जा रहा. अभी हमारे पास उपलब्ध दवाई से कुछ असर नहीं हो रहा.
नक्सलियों की इस चिट्ठी से साफ जाहिर है कि कोरोना वायरस से नक्सलियों में खलबली मच गयी है और वो जंगल छोड़ कर इलाज की आस में गांव की तरफ भाग रहे हैं. आशंका है कि इनमें से गांव भाग रहे कुछ नक्सली अगर संक्रमित होंगे तो आस पास के गांव कोरोना की चपेट में आ जाएंगे.