तो क्या फिर लौट रहा है कोरोना?
देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति अभी मोटे तौर पर बहुत गंभीर नहीं है। हालांकि दो तथ्य चिंता पैदा करते हैं। पहला तो ये कि संक्रमण से होने वाली मौतों की गिनती अब भी 500 के आसपास बनी हुई है और दूसरी ये कि संक्रमण की दर एक सप्ताह के भीतर ही दोगुनी हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सोमवार को जांच पॉजिटिविटी दर 3.4 प्रतिशत दर्ज की गई। जबकि एक सप्ताह पहले यह दर 1.68% थी। यह संख्या अभी बहुत चिंताजनक नहीं है मगर घटने की बजाए इसका बढ़ना चिंताजनक है। अगर यह ट्रेंड आगे बढ़ा तो यह तीसरी लहर का साफ संकेत हो सकता है।
संक्रमण में आई तेजी
जब कोरोना की दूसरी लहर चरम पर थी तब देश में संक्रमण दर 18 से 20 फीसदी तक पहुंच गई थी। दूसरी लहर मंद पड़ने पर संक्रमण दर घटते-घटते 20 जुलाई को मात्र डेढ़ फीसदी रह गई थी। पर बीते छह दिनों के दौरान संक्रमण दर धीरे-धीरे बढ़ती गई और यह 26 जुलाई को जारी आंकड़ों के मुताबिक यह 1.68% हो गई। गौरतलब है कि देश के आठ राज्य अभी ऐसे हैं जहां संक्रमण दर 5 प्रतिशत से 15 प्रतिशत के बीच बनी हुई है।
तारीख —- जांच पॉजिटिविटी दर
20 जुलाई — 1.68%
21 जुलाई — 2.27%
22 जुलाई — 2.4%
23 जुलाई —2.12%
24 जुलाई — 2.4%
25 जुलाई—- 2.31%
26 जुलाई — 3.4%
अचानक बढ़ सकते हैं नए केस
सर गंगाराम अस्पताल के मेडिकल विभाग की डॉ. पूजा खोसला का कहना है कि दूसरी लहर के दौरान जिस तेजी से संक्रमण बढ़ गया था, उस स्थिति ने सिखाया है कि कभी भी अचानक से संक्रमण के नए मामलों में उछाल संभव है। उनका कहना है कि जब लोगों को लग रहा है कि संक्रमण काबू में है, उस समय वे लापरवाही न बरतें और बचाव के नियमों का सख्ती से पालन करें। हालांकि सीरो सर्वे में बड़ी आबादी के शरीर में एंटीबॉडी पाए जाने के बाद से कई विशेषज्ञ यह उम्मीद कर रहे हैं कि तीसरी लहर, दूसरी लहर की तुलना में ज्यादा मारक नहीं होगी।
मौतों की गिनती अब भी डरावनी
देश में 24 जून के बाद से हर दिन 50 हजार से कम नए मामले दर्ज हो रहे हैं, लेकिन मौतों का आंकड़ा कम नहीं हो रहा है। देश में बीते रविवार को 38 हजार नए मरीज मिले जबकि 414 मौतें हुईं। दूसरी ओर, बीते अप्रैल के पहले सप्ताह के दौरान जब दूसरी लहर तेजी पकड़ने लगी थी, तब हर दिन 80 लाख से 1.15 लाख तक रोजाना नए मरीज मिल रहे थे, जबकि रोजाना होने वाली मौतों की संख्या 450 से लेकर 636 तक थी।