Asaduddin Owaisi को लेकर देवेंद्र फडणवीस का विवादित बयान

Asaduddin ओवैसी ने फडणवीस की टिप्पणियों का जवाब देते हुए कहा था कि वह मुख्यमंत्री नहीं बनने जा रहे हैं और उनके सपने टूटने जा रहे हैं।

Asaduddin ओवैसी और फडणवीस के बीच बढ़ी तकरार

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के दौरान, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख Asaduddin ओवैसी और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के बीच तीखी बयानबाजी का सिलसिला जारी है। ओवैसी ने हाल ही में भाजपा पर जमकर हमला बोला था, जिसके जवाब में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने विवादित बयान दिया। उन्होंने ओवैसी को ‘रजाकारों’ के वंशज बताते हुए मराठवाड़ा के इतिहास का हवाला दिया और उनकी आलोचना की।

फडणवीस का बयान: ‘रजाकारों के वंशज हैं ओवैसी’

देवेंद्र फडणवीस ने ओवैसी पर हमला करते हुए कहा, “ये ‘रजाकारों’ के वंशज हैं। रजाकारों ने मराठवाड़ा के लोगों पर अत्याचार किए थे, उनकी जमीनें लूटीं, महिलाओं के साथ बलात्कार करने की कोशिश की और परिवारों को नष्ट कर दिया। ये लोग किस मुंह से हमसे बात करेंगे?” फडणवीस ने यह बयान नागपुर में एक रोड शो के दौरान दिया। उनके इस बयान से राजनीतिक माहौल और भी गर्म हो गया है।

‘रजाकारों’ का संदर्भ भारत के इतिहास में बहुत संवेदनशील है, खासकर मराठवाड़ा क्षेत्र में। यह शब्द उस समय के निजाम हैदराबाद के सैनिकों से जुड़ा है, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान मराठवाड़ा में आक्रामक कार्यवाहियों के लिए प्रसिद्ध थे। रजाकारों के अत्याचारों ने उस समय के हिंदू समुदाय को गंभीर रूप से प्रभावित किया था, और यह मामला आज भी कई राजनीतिक बहसों का हिस्सा है।

Asaduddin ओवैसी के बयानों का जवाब

Asaduddin ओवैसी ने फडणवीस की टिप्पणियों का जवाब देते हुए कहा था कि वह मुख्यमंत्री नहीं बनने जा रहे हैं और उनके सपने टूटने जा रहे हैं। Asaduddin ओवैसी ने आगे यह भी दावा किया कि फडणवीस के ‘वैचारिक’ पूर्वजों ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के बजाय उन्हें प्रेम पत्र लिखे थे। Asaduddin ओवैसी ने यह टिप्पणी भाजपा के नेताओं पर तंज कसते हुए की थी, जो हमेशा देश की आजादी के आंदोलन की विरासत पर दावा करते हैं। ओवैसी ने चुनाव आयोग से यह भी सवाल किया था कि फडणवीस की ऐसी बयानबाजी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है।

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का माहौल

महाराष्ट्र चुनाव के दौरान दोनों नेताओं के बीच यह तकरार राजनीतिक मैदान को और भी उग्र बना रही है। भाजपा और एआईएमआईएम के बीच आरोप-प्रत्यारोप की यह राजनीति न केवल राज्य की राजनीतिक हलचल को प्रभावित कर रही है, बल्कि जनता के बीच भी नई बहस छेड़ रही है। फडणवीस का बयान ओवैसी पर व्यक्तिगत हमला था, जबकि ओवैसी ने फडणवीस पर उनके इतिहास और उनके पूर्वजों की भूमिका पर सवाल उठाया था।

चुनाव आयोग से सवाल

ओवैसी ने चुनाव आयोग से यह सवाल किया कि फडणवीस की टिप्पणी को लेकर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। उनका आरोप था कि फडणवीस ने जो टिप्पणी की है, वह चुनावी ध्रुवीकरण की एक चाल है, जिसका उद्देश्य समाज को बांटना और हिंसा भड़काना है। वहीं, फडणवीस ने ओवैसी के बयान का कड़ा विरोध करते हुए उन्हें ‘रजाकारों’ के वंशज बताया, जो मराठवाड़ा के लोगों के लिए ऐतिहासिक रूप से संकटकारी रहे थे।

Tom Homan : कौन हैं टॉम होमन? , अवैध प्रवासियों की एंट्री !

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के दौरान भाजपा और एआईएमआईएम के नेताओं के बीच बढ़ती बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला दिखाता है कि इस बार का चुनाव केवल राजनीतिक दृष्टि से नहीं, बल्कि सामाजिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी बेहद संवेदनशील है। फडणवीस का ‘रजाकारों’ के संदर्भ में दिया गया बयान और ओवैसी का जवाब आने वाले समय में और भी राजनीतिक विवादों को जन्म दे सकते हैं। यह देखा जाना बाकी है कि चुनाव आयोग इस पर क्या कदम उठाता है और क्या दोनों दलों के बीच यह तकरार आगामी चुनावों के परिणामों पर प्रभाव डालती है या नहीं।

Related Articles

Back to top button