Constitution Day : भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर महत्वपूर्ण आयोजन
Constitution दिवस के मौके पर मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यसभा में विपक्षी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे
भारत में Constitution दिवस के मौके पर मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यसभा में विपक्षी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य नेताओं ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया। इस अवसर पर भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ का जश्न मनाया गया।
Constitution की प्रस्तावना: भारतीय संविधान की आत्मा
संविधान की प्रस्तावना भारतीय संविधान का प्रारंभिक वक्तव्य है, जो इसके दर्शन और उद्देश्यों को स्पष्ट करता है। इसे भारतीय संविधान की “बेसिक स्ट्रक्चर” (मूल संरचना) के रूप में जाना जाता है। प्रस्तावना में भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया गया है, जो अपने नागरिकों को न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व का आश्वासन देता है।
गृह मंत्री अमित शाह का संविधान दिवस संदेश
गृह मंत्री अमित शाह ने Constitution दिवस के अवसर पर एक विशेष संदेश जारी किया। उन्होंने इसे ‘राष्ट्रीय एकता और अखंडता का मंत्र’ करार दिया। शाह ने कहा, “संविधान न केवल न्याय और समान अधिकारों का आश्वासन देता है, बल्कि यह देश के राष्ट्रीय एकता और अखंडता की नींव भी रखता है।” उन्होंने इस दिन को विशेष रूप से बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर और अन्य संविधान निर्माताओं की कड़ी मेहनत और योगदान को याद करने का दिन बताया।
Constitution को महज एक किताब नहीं, बल्कि जीवन का हिस्सा बनाना है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस पर अपने संबोधन में कहा कि भारतीय संविधान एक किताब नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज और देश की प्रगति का मार्गदर्शक है। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान को केवल मंच पर रखने के बजाय, इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए और इसके मूल्यों को अपने दैनिक जीवन में उतारना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर भारतीय संविधान की ताकत और इसके महत्व पर जोर दिया और इसे राष्ट्रीय एकता और लोकतांत्रिक सिद्धांतों की रक्षा का प्रमुख उपकरण बताया।
“संविधान दिवस पर संकल्प लें, भारत को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाएं”
गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी पोस्ट में यह भी कहा कि संविधान दिवस पर हमें एक दृढ़ संकल्प लेना चाहिए कि हम भारत को मजबूत, समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाएंगे। उन्होंने यह आह्वान किया कि सभी भारतीय संविधान के आदर्शों को आत्मसात करें और राष्ट्रीय एकता की दिशा में मिलकर काम करें। शाह ने यह भी जोड़ा कि प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान दिवस की शुरुआत की, ताकि हम संविधान निर्माताओं के योगदान को याद रखें और इसकी भावना को अपनाएं।
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संविधान का महत्व और लोकतंत्र की ताकत
संविधान दिवस पर नेताओं द्वारा किए गए संबोधन और संविधान की प्रस्तावना के पाठ ने भारतीय संविधान की ताकत और लोकतांत्रिक सिद्धांतों की अहमियत को फिर से रेखांकित किया। यह दिन न केवल संविधान के ऐतिहासिक महत्व को याद करने का है, बल्कि यह एक अवसर है जब सभी नागरिक अपने कर्तव्यों और अधिकारों के प्रति सजग होकर राष्ट्र की प्रगति के लिए काम करने का संकल्प लेते हैं।