ग्रेटा की आड़ में देश की छवि धूमिल करने की साजिश! दिल्ली पुलिस ने मांगी गूगल से डीटेल
26 जनवरी के दिन राजधानी में ट्रैक्टर रैली (Tractor rally) की आड़ में हिंसा को भड़कानें के लिए इस्तेमाल की गई टूलकिट (Toolkit) के संबंध में दिल्ली पुलिस ने गूगल से जवाब मांगा है। दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने गूगल (Google) से जानकारी मांगी है कि पर्यावरणविद ग्रेटा थनबर्ग के विवादित ट्वीट में लगी टूल किट कहां तैयार की गई, उसको तैयार करने वाले मास्टरमाइंड कौन- कौन हैं?
साथ ही खालिस्तानी संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के सिस्टम का आइपी एड्रेस की जानकारी भी मांगी गई है। जिसके माध्यम से ग्रेटा थनबर्ग ने टूलकिट गूगल ड्राइव पर अपलोड किया था। बता दें कि स्वीडन की ग्रेटा थनबर्ग ने वीरवार को ट्वीट कर कहा, मैं अभी भी किसानों के साथ खड़ी हूं और उनके शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का समर्थन करती हूं। नफरत, धमकी या मानवाधिकारों के उल्लंघन की किसी भी कोशिश से यह नहीं बदलेगा।
ग्रेटा ने की थी टूलकिट शेयर
हालांकि इससे पहले बुधवार को ग्रेटा ने एक खबर का लिंक साझा किया था और कहा था, हम भारत में किसान आंदोलन के साथ एकजुटता से खड़े है, इसके साथ ही उन्होंने ट्विटर पर एक टूलकिट साझा की थी। यह टूलकिट यूजर्स को प्रदर्शन के समर्थन के तरीकों की विस्तृत जानकारी वाले दस्तावेज तक पहुंच उपलब्ध करवा रहा था।
हालांकि बाद में उन्होंने टूलकिट वाले ट्वीट को डिलीट कर दिया और फिर एक अन्य टूलकिट जारी किया। इसी की जांच अब दिल्ली पुलिस की साइबर सेल कर रही है।
गूगल और ट्विटर से दिल्ली पुलिस ने मांगी जानकारी
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने गूगल और ट्विटर से कई और महत्वपूर्ण जानकारी मांगी हैं। जिसके तहत 272 नए ट्विटर हैंडल, 300 से अधिक फेसबुक पेज सहित कई आईपी एड्रेस की जानकारी मांगी है। बताया जाता है ये सभी किसान आंदोलन से जुड़े हैं और पहले ये सब ट्रैक्टर रैली तो अब चक्का जाम में काफी एक्टिव हैं।
दिल्ली पुलिस ने कई पेजों की किया ब्लॉक
हालांकि इस संबंध में दिल्ली पुलिस ने कई पेजों को फिलहाल ब्लॉक भी किया है, ताकि उनके बने वीडियो और की गई टिप्पणियां माहौल को न खराब करें। पुलिस सूत्रों के मुताबिक ज्यादातर ट्विटर हैंडल का प्रयोग कुछ संगठन और व्यक्तियों द्वारा अपने स्वार्थ सिद्ध करने के लिए किया जा रहा है। ये ना तो किसानों से जुड़े हैं और ना ही उन्हें आंदोलन से कुछ लेना देना है।