कांग्रेस ने मार्क जकरबर्ग को लिखा पत्र, उठाई ये मांग
फेसबुक इंडिया के काम करने के तरीके की जांच
नई दिल्ली. कांग्रेस (Congress) ने फेसबुक इंडिया (Facebook India) के काम करने के तरीके की जांच की मांग उठाई है. इसके संबंध में शुक्रवार को पार्टी ने कंपनी के सीईओ मार्क जकरबर्ग को पत्र भी लिखा है. पार्टी का आरोप है कि सोशल मीडिया कंपनी भारत में सरकार को लेकर पक्षपात से पूर्ण रवैया अपना रही है. साथ ही पार्टी ने कंपनी पर नफरत भरे बयान, गलत जानकारी और झूठी खबरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगाए हैं. पार्टी ने जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति के गठन की भी मांग दोहराई है.
हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें कहा गया था कि भारत में कंपनी की नीति निदेशक अंखी दास ने कारोबारी कारणों का हवाला देते हुए कम से कम चार लोगों के ऊपर ‘नफरत भरे भाषण के नियम लागू करने का विरोध’ किया था. कहा गया था कि इन चार लोगों के तार भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं. बीते साल अक्टूबर में फेसबुक ने घोषणा कर दी थी कि दास कंपनी छोड़ रही हैं.
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने जकरबर्ग को पत्र लिखा है. पार्टी बीते साल भी दो बार कंपनी को लेटर भेज चुकी है. जकरबर्ग के नाम लिखे पत्र में पार्टी के सोशल मीडिया विभाग के प्रमुख रोहन गुप्ता ने कहा, ‘बीते दो सालों में ऐसे बहुत सबूत पेश किए गए, जो भड़काऊ भाषणों को रोकने में लापरवाही और जानबूझकर इन मुद्दों को उठाने वाले आंतरिक दस्तावेजों को नजरअंदाज करने की ओर इशारा करते हैं. न केवल आपके कर्मचारियों ने बताया कि जिस AI का इस्तेमाल आपका प्लेटफॉर्म करता है, वह स्थानीय भाषाओं की पहचान करने के लिए काफी नहीं है, बल्कि साथ ही आपकी टीम परेशानी वाली कंटेट के लिए कीवर्ड डिटेक्शन स्थापित करने में भी असफल रही है.’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, नफरत भरे बयानों की जांच करने वाली फेसबुक की ग्लोबल टीम को बढ़ते भड़काऊ और बांटने वाले कंटेंट के बीच आर्थिक कटौती का सामना करना पड़ा था. गुप्ता ने कहा कि कॉस्ट कटिंग के चलते बीते दो सालों में नफरत भरे कंटेंट से जुड़ी ऐसी सामग्री काफी बढ़ गई है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल डेटा सेल के अध्यक्ष प्रवीन चक्रवर्ती ने फेसबुक इंडिया के काम करने के तरीकों की JPC जांच की मांग को दोहराया. उन्होंने कहा कि अब यह कांग्रेस, भाजपा या राजनीति के लिए नहीं रह गया है, बल्कि यह लोकतंत्र को लेकर है. उन्होंने कहा कि संसदीय समिति को इस मामले की जांच के लिए फेसबुक और अन्य अधिकारियों को तलब करना चाहिए.