दिल्ली में बढ़ती पेट्रोल – डीजल की कीमतों का विरोध कर रहे कांग्रेसियों को दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार
कांग्रेस और मोदी सरकार के बीच लगातार वार पलटवार किए जा रहे हैं। जहां एक तरफ पूरा देश कोरोनावायरस जैसी घातक बीमारी से लड़ रहा है ऐसे में राजनीति भी चरम पर है। पूरा देश कोरोनावायरस जैसी घातक बीमारी से परेशान है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने एक अभियान चलाया है इसका नाम भी आ गया है #SpeakUpAgainstFuelHike. कांग्रेस ने यह अभियान देश में लगातार बढ़ रहे पेट्रोल और डीजल को लेकर चलाया है। पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर यह प्रदर्शन देश में जगह-जगह किया जा रहा है। ऐसे में राजधानी दिल्ली में भी कांग्रेसियों ने प्रदर्शन किया है।
राजधानी दिल्ली में कांग्रेस के कार्यकर्ता जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल अनिल बैजल के घर के बाहर प्रदर्शन करने जा रहे थे तो उन्हें उस दौरान पुलिस ने रोक लिया। जिसके बाद उन्हें हिरासत में भी ले लिया गया है। यह सभी बढ़ते पेट्रोल और डीजल की कीमतों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। हालांकि अब इन सब को गिरफ्तार कर लिया गया है।
बता दें कि आज कांग्रेस पार्टी पूरे देश भर में यह प्रदर्शन कर रही है। देश के अलग-अलग हिस्सों में बढ़ते पेट्रोल और डीजल के दामों पर प्रदर्शन किया जा रहा है। इस अभियान की शुरुआत कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने की हैं। यह अभियान आज सुबह 10:00 बजे से ही शुरू हो गया था। ऐसे में कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार ने भी साइकिल पर इसका विरोध जताया है।
बता दें कि राजधानी दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की कीमत में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। लगातार तीन हफ्तों से यह बढ़ोतरी की जा रही। रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में इस वक्त डीजल और पेट्रोल की कीमतों में सबसे ज्यादा ऊंचाई आई है। इससे पहले दिल्ली में इतना ज्यादा महंगा पेट्रोल और डीजल नहीं हुआ है। आज भी पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोतरी की गई है। दिल्ली में पेट्रोल पांच पैसे बढ़ा दिया गया है जिसकी वजह से पेट्रोल की कीमत 80.43 रुपए हो गई है और डीजल के दाम भी बढ़े हैं। डीजल के दामों में 13 पैसे की बढ़त की गई है। जिसके बाद डिजाइन पेट्रोल से महंगा हो गया है। राजधानी दिल्ली में अब डीजल की कीमत 80.53 रुपए हो गया है।
वहीं दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी ने कहा कि “लोगों के पास पैसा नहीं है, रोजगार नहीं है, व्यवसाय खत्म हो चुके हैं बावजूद इसके केंद्र सरकार अत्याचारी रूप दिखा रही है। लोगों की जेब पर भार डाला जा रहा है जबकि इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम कम हैं।”