कांग्रेस पार्टी की हुई फजीहत, किया कुछ ऐसा काम
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में कांग्रेस को करारी मिली थी. हार के बाद कांग्रेस द्वारा संगठन को विस्तार देने के लिए जोर आजमाइश की जा रही है. इसी जोर आजमाइश में ऐसे तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे पार्टी की फजीहत होने लगी है. बिहार कांग्रेस प्रभारी के रूप में नवनियुक्त भक्त चरण दास को प्रदेश में पार्टी को मजबूत करने की जिम्मेदारी मिली है. बिहार के सभी जिलों के भ्रमण में निकले भक्त चरण दास जब मुंगेर पहुंचे तो ऐसा नजारा सामने आया कि अब पार्टी पर सवाल खड़े होने लगे हैं. मुंगेर में भक्त चरण दास की मौजूदगी में लोगों को कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कराने का कार्यक्रम था लेकिन जब वह मुंगेर पहुंचे तो बैंडबाजा और ढोल नगाड़े के साथ स्वागत हुआ.
मजेदार बात यह रही कि सदस्य बनने के लिए कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था. आनन-फानन में कांग्रेसियों ने बैंडबाजा बजाने वालों को ही पार्टी की सदस्यता दिलाकर तस्वीरें खिंचाई और कार्यक्रम को सफल बताया. हाथों में बैंडबाजा लिए हुए कलाकारों को भी समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें. वो भी माला पहनते गए और कांग्रेसी बनकर बाज बजाते हुए अपने घर लौट गए.बैंडबाजा वालों को कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कराने के मामले में नामों की घोषणा पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं. कहा जा रहा है कि बिहार प्रभारी भक्त चरण दास को खुश करने के लिए सभी कलाकारों के नाम से आगे दास टाइटल लगा दिया गया. जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस की नैया डूब चुकी
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इस मौके पर बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, एमएलसी समीर सिंह, पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा सहित कई कांग्रेसी मौजूद रहे. बैंडबाजा वालों को कांग्रेस सदस्य बनाए जाने पर हो रही फजीहत का बचाव करते हुए कांग्रेस नेता शकील अहमद खान ने कहा कि इसमें गलत कुछ भी नहीं है. कलाकार भी बिहार के निवासी हैं और उन्हें भी कांग्रेस का सदस्य बनने का हक है. विरोधी बेवजह सवाल खड़ा करना चाहते हैं.
बैंडबाजा वालों को कांग्रेस सदस्य बनाए जाने के मामले में उठ रहे सवालों पर आरजेडी ने भी प्रतिक्रिया देते हुए स्थिति सुधारने की सलाह भी दे डाली है. आरजेडी नेता वीरेंद्र ने कहा कि हो सकता है कि कलाकारों को कांग्रेस में शामिल किया गया हो लेकिन कांग्रेस को बिहार में मजबूती के लिए अपने तरीके को बदलना होगा और गंभीर रूप से मेहनत करनी होगी.